दिल्ली: दिल्ली का जीबी रोड इलाका सेक्स वर्कर्स का घर है. विधानसभा चुनाव से पहले यहां के सेक्स वर्कर्स ने अपनी समस्याएं बताई हैं. बिजली, साफ पीने का पानी और रहने के लिए साफ सुथरा माहौल इनके लिए अभी भी दूर हैं. यहां की सेक्स वर्कर्स को उम्मीद है अगली सरकार इनकी समस्याओं का समाधान जरूर करेगी.
नेताओं ने कभी हमारे मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया
सावित्री 30 सालों से सेक्स वर्कर का काम कर रही है. वो अफसोस जताते हुए कहती हैं कि नेताओं ने उनके मुद्दों की तरफ ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि हम आम नागरिक की तरह वोट तो करते हैं. लेकिन हमारे बारे में बहुत ही कम विचार किया जाता है. हम इस तरह का जीवन जीते हैं कि एक कमरे में चार से पांच महिलाएं रहती हैं. एक फ्लोर पर 10 से 15 महिलाएं रहती हैं और यहां पर हमारे लिए केवल एक ही वॉशरूम है.
हमारे पास पानी और स्वच्छता की बड़ी समस्या है
30 साल की सेक्स वर्कर रेश्मा बताती हैं कि हमारे सामने पानी और स्वच्छता की समस्या लगातार बनी हुई है. सुबह में तीन से चार घंटे बिजली नहीं होती है. रात में भी ऐसा ही होता है. सर्दी में तो ये मैनेज हो जाता है लेकिन गर्मियों में असहनीय हो जाता है. उन्होंने बताया कि कमरे में हवा और रौशनी के लिए ठीक से खिड़कियां भी नहीं है. कमरे मुश्किल से इतने ही बड़े होते हैं जहां एक बिस्तर ही फिट हो सके. वॉशरूम से निकले वाली नालियां उनके दरवाज़ों के ठीक बाहर बहती हैं, जिससे गंदगी की स्थिति और बढ़ जाती है.
चुनावों में वादे तो होते हैं, लेकिन कुछ भी नहीं बदलता
रानी नाम की सेक्स वर्कर बताता है कि हर चुनाव में वे आते हैं और वादे करते हैं लेकिन कुछ नहीं बदलता. रानी यहां करीब दस सालों से रह रही हैं. नेहा बताता है कि यहां पाइप लाइन महीनों से टूटा हुआ है लेकिन इसे ठीक करने नहीं आता. हमें जो पानी मिलता है वो गंदा होता है लेकिन हमारे पास इसे इस्तेमाल करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है.
हमारे पास राशन कार्ड तक नहीं है
अनीता की उम्र करीब 70 साल है. वो कहती हैं कि हमारे साथ इस तरह का व्यवहार किया जाता है जैसे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता. हमसे कोई नहीं सुनता. जब हम शिकायत करते हैं तो इस पर कुछ नहीं होता. हमारे पास राशन कार्ड तक नहीं है. कई एनजीओ आते हैं और हमारी शिकायतों को सुनते हैं लेकिन कोई मदद नहीं करता. सरकारें आती हैं और जाती हैं लेकिन हमारी स्थिति वैसी की वैसी ही है. जीबी रोड पर लगभग 74 वेश्यालय हैं, जिनमें सैकड़ों महिलाएं रहती हैं, जिनमें से कई की तस्करी की गई है.
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