बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की स्थापना का रजत जयंती समारोह’ का आयोजन राज्यपाल रमेन डेका के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों ने मुख्य अतिथि राज्यपाल रमेन डेका एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू को पौधा एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत एवं अभिनंदन किया।
मुख्य अतिथि राज्यपाल डेका ने कहा कि इस गौरवशाली अवसर पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की रजत जयंती समारोह में आप सभी को संबोधित करना मेरे लिए अत्यंत सम्मान और गर्व का विषय है। 1 नवम्बर 2000 को जब छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना हुई, तब शासन के साथ-साथ न्याय के क्षेत्र में भी एक नई शुरुआत हुई। इस राज्य के जन्म के साथ ही इस महान संस्था छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर की स्थापना हुई। तभी से यह न्यायालय संविधान का व्याख्याकार, नागरिक अधिकारों का संरक्षक और न्याय का प्रहरी बनकर खड़ा है। राज्यपाल रमेन डेका ने लोक अदालत के अंतर्गत लंबित मामलों के हो रहे त्वरित निराकरण के लिए न्यायपालिका की सराहना की।
उन्होंने न्यायपालिका में नैतिकता, सुदृढ़ीकरण और न्यायपालिका के लंबित मामलों को कम कर आम जनों को त्वरित न्याय उपलब्ध कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि न्याय केवल सामर्थ्यवान लोगों के लिए ही उपलब्ध नहीं हो बल्कि गांव गरीब एवं आमजनों के लिए भी सर्व सुलभ न्याय उपलब्ध हो तभी इस लोकतांत्रिक व्यवस्था में न्यायपालिका की भूमिका सार्थक बनेगी।
राज्यपाल डेका ने कहा कि हम उन दूरदर्शी व्यक्तित्वों और संस्थापकों को कृतज्ञतापूर्वक नमन करते हैं, जिन्होंने इस न्यायालय की नींव रखी। प्रथम मुख्य न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति डब्ल्यू.ए. शिशक और उनके उत्तराधिकारियों ने इस नवगठित न्यायालय को गरिमा, विश्वसनीयता और सशक्त न्यायिक परंपरा प्रदान की। इसी प्रकार अधिवक्ताओं, न्यायालय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की निष्ठा और परिश्रम ने इस संस्था को पच्चीस वर्षों तक सुदृढ़ बनाए रखा। इन वर्षों में न्यायालय ने संवैधानिक नैतिकता, नागरिक स्वतंत्रता, आदिवासी अधिकार, पर्यावरण संरक्षण, सुशासन और सामाजिक न्याय जैसे अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय दिए। इसने छत्तीसगढ़ की विशिष्ट पहचानदृउसके जंगल, खनिज, संस्कृति और वंचित समुदायों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाया। विकास और अधिकारों के बीच संतुलन स्थापित करते हुए इसने यह सुनिश्चित किया कि प्रगति कभी भी न्याय की कीमत पर न हो।
समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि हमारा प्रदेश छत्तीसगढ़ अपनी स्थापना की रजत जयंती मना रहा है। यह शुभ अवसर हमारे हाईकोर्ट की रजत जयंती का भी है। यह वर्ष हमारी विधानसभा का रजत जयंती वर्ष भी है। इन सभी शुभ अवसरों पर मैं आप सभी को हार्दिक बधाई देता हूँ।. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर की नगरी को एक नई पहचान दी है। इस शुभ अवसर पर हम भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री एवं हमारे राज्य के निर्माता श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिनकी दूरदर्षिता से छत्तीसगढ़ राज्य एवं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की स्थापना संभव हो सकी।
Author Profile
Latest entries
RaipurDecember 7, 2025जन कल्याणकारी नीतियों से प्रदेश की बहनों को मिली आत्मनिर्भरता और समृद्धि: CM साय
CRIMEDecember 7, 2025बलरामपुर जिला प्रशासन की सतर्कता से 400 बोरी अवैध धान से भरा ट्रक जब्त
RaipurDecember 7, 2025प्रदेश में धान खरीदी का महाअभियान तेजी के साथ जारी
RaipurDecember 7, 2025शिक्षा ही सामाजिक विकास का मूलमंत्र : CM विष्णुदेव साय




