Raipur. रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। गरियाबंद जिले में नक्सल मोर्चे पर हुई मुठभेड़ में अब तक 10 नक्सलियों को न्यूट्रलाइज किया गया है। इनमें ₹1 करोड़ का इनामी सीसीएम मोडेम बालकृष्णा उर्फ मनोज भी शामिल है, जो लंबे समय से सुरक्षा बलों के निशाने पर था। मुख्यमंत्री ने कहा कि CRPF की कोबरा कमांडो, छत्तीसगढ़ पुलिस और जिला रिजर्व गार्ड (DRG) के जवानों ने अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए यह बड़ी सफलता प्राप्त की है।
बस्तर में विश्वास, विकास व शांति के नए सूर्य का उदय हो रहा है।
अदम्य साहस और वीरता के पर्याय CRPF की कोबरा कमांडो, छत्तीसगढ़ पुलिस और DRG के जवानों को नक्सलवाद के विरुद्ध एक और बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। गरियाबंद जिले में नक्सल मोर्चे पर हुई मुठभेड़ में अब तक 10 नक्सली…
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) September 11, 2025
मुख्यमंत्री ने इसे नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक जीत बताते हुए कहा कि समाज की मुख्यधारा में लौटने की
पहल भी तेज हुई है। नारायणपुर जिले में जनताना सरकार के सदस्य, पंचायत मिलिशिया डिप्टी कमांडर, पंचायत सरकार सदस्य और न्याय शाखा अध्यक्ष सहित कुल 16 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री ने इसे नक्सलियों की झूठी विचारधारा के टूटने का स्पष्ट प्रमाण बताया।
उन्होंने कहा कि यह सफलता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सहित देश को नक्सलमुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि मार्च 2026 तक “नक्सलमुक्त भारत” का संकल्प पूरा होगा। उन्होंने जवानों की बहादुरी की सराहना करते हुए कहा कि सुरक्षा बलों की सतर्कता और समर्पण से आम नागरिक सुरक्षित रहेंगे और विकास का रास्ता साफ होगा।
इस मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने कठिन परिस्थितियों में अभियान चलाकर नक्सलियों के ठिकानों पर कार्रवाई की। सुरक्षा बलों के जवानों ने नक्सलियों को घेरकर जवाबी कार्रवाई की, जिसमें कई नक्सली मारे गए। वहीं, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने बताया कि वे अब हिंसा छोड़कर समाज के साथ मिलकर शांति और विकास में भागीदारी करना चाहते हैं।
प्रशासन ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्हें सरकारी योजनाओं से लाभान्वित कर मुख्यधारा में शामिल करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाई जाएगी और विकास कार्यों को गति दी जाएगी ताकि लोगों को हिंसा का रास्ता छोड़कर जीवन की बेहतरी का अवसर मिल सके।
इस बड़ी सफलता से छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की ताकत कमजोर पड़ रही है और यह अभियान न केवल सुरक्षा बलों के लिए बल्कि आम नागरिकों के लिए भी राहत और आशा का संदेश लेकर आया है। राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में शांति, विकास और सुरक्षा के लिए दृढ़ संकल्प दोहराया है।
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