भोपाल । प्रदेश में अगले पांच साल में शहरी क्षेत्रों में दस लाख मकान बनाने का टारगेट है। इस पर 50 हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इसमें केंद्र के साथ राज्य सरकार, नगरीय निकाय और हितग्राही की हिस्सेदारी होगी। प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 में यह कार्य किया जाएगा। इसका प्रस्ताव महेश्वर में 24 जनवरी को होने वाली कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। इसके साथ ही आबकारी नीति के मसौदे पर भी बैठक में चर्चा की जाएगी।
हाउसिंग फॉर ऑल योजना के दूसरे चरण में चार घटक रहेंगे। तीन लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले इंडब्ल्यूएस परिवारों को अपनी उपलब्ध भूमि पर 45 वर्गमीटर तक के नए पक्के मकान के निर्माण के लिए 2.5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। इसके अलावा एएचपी घटक में पक्का घर खरीदने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसके तहत 30-45 वर्गमीटर कारपेट एरिया वाले घरों का निर्माण सार्वजनिक निजी एजेंसियों द्वारा किया जाएगा और इंडब्ल्यूएस श्रेणी के हितग्राहियों को आवंटित किए जाएंगे। इसके अलावा एएचपी परियोजनाओं में प्रत्येक ईडब्ल्यूएस (वार्षिक आय 3 लाख रुपये तक) फ्लैट के लिए 2.5 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता केंद्र व राज्य की ओर से दो जाएगी। किराए पर रहने के लिए भी आवास बनाए जाएंगे। एक घटक में ब्याज सब्सिडी भी दी जाएगी।
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