मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को सख्त रुख अपनाते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया। अदालत ने यह कार्रवाई बिना दिमाग का इस्तेमाल किए एक रियल्टी डेवलपर के खिलाफ मनी लॉड्रिंग जांच शुरू करने के लिए की। साथ ही यह भी कहा केंद्रीय एजेंसी को कानून के दायरे में रहकर काम करना चाहिए।
नागरिकों का शोषण करना बंद करें- कोर्ट
जुर्माना लगाते हुए जस्टिस मिलिंद जाधव की एकल पीठ ने कहा कि नागरिकों का शोषण ना हो, यह सुनिश्चित करने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को एक सख्त संदेश देने की जरूरत है। अब वक्त आ गया है कि ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियां कानून को अपने हाथ में लेना और नागरिकों का शोषण करना बंद करें।
इसके साथ ही अदालत ने मुंबई के रियल एस्टेट डेवलपर राकेश जैन को एक विशेष अदालत द्वारा ईडी की शिकायत के बाद जारी सभी समन और नोटिस खारिज कर दिए।
पीठ ने ईडी को चार सप्ताह के भीतर हाई कोर्ट की लाइब्रेरी में एक लाख रुपये देने का आदेश दिया। इसके अलावा मामले के मूल शिकायतकर्ता को भी एक लाख रुपये चुकाने का आदेश देते हुए रकम को मुंबई की कीर्तिकर ला लाइब्रेरी में देने के लिए कहा।
इस मामले में की थी जांच शुरू
बता दें कि विले पार्ले पुलिस स्टेशन में जैन के खिलाफ एक संपत्ति खरीदार द्वारा समझौते के उल्लंघन और धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए पुलिस शिकायत दर्ज कराने के बाद ईडी ने मनी लांड्रिंग की जांच शुरू की थी।
'एनकाउंटर के लिए 5 लोग जिम्मेदार', बॉम्बे हाईकोर्ट
महाराष्ट्र के बदलापुर में पिछले साल दो बच्चियों के साथ हुए यौन शोषण की घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया था। इसके बाद मुख्य आरोपी अक्षय शिंदे की 23 सितंबर को पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी। एनकाउंटर पर ज्यादातर लोगों ने खुशी जाहिर, की लेकिन इस घटना को लेकर मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दिए गए।
वैन में मौजूद पांच पुलिसकर्मी जिम्मेदार: कोर्ट
मजिस्ट्रेट जांच को बंद लिफाफों में बॉम्बे हाईकोर्ट में पेश किया गया। इसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस नीला गोखले की डिवीजन बेंच ने कहा कि इस एनकाउंटर के लिए वैन में मौजूद 5 पुलिसकर्मी जिम्मेदार थे। इन पांचों पर FIR दर्ज की जाए। सरकार हमें 2 हफ्ते में बताए कि इन पांचों के खिलाफ कौन सी जांच करेगी।
अदालत ने कहा, "मजिस्ट्रेट ने जांच की है और अपनी रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में मजिस्ट्रेट ने निष्कर्ष निकाला है कि आरोपी अक्षय शिंदे की मौत के लिए पांच पुलिसकर्मी जिम्मेदार हैं।"
सरकार ने क्या दी थी दलील?
ठाणे क्राइम ब्रांच ने आरोपी अक्षय शिंदे का 23 सितंबर को शाम करीब 6:15 बजे एनकाउंटर किया था। क्राइम ब्रांच अक्षय को तलोजा जेल से बदलापुर लेकर गई थी। सरकार ने कहा था कि अक्षय ने पुलिस की रिवॉल्वर छीनकर फायर किए थे, सेल्फ डिफेंस में पुलिस ने गोली चलाई।
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