New Delhi/Raipur. नई दिल्ली/रायपुर। छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उत्कृष्ट कार्यशैली और प्रशासनिक प्रतिबद्धता से पहचान बनाई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित समारोह में “आदि कर्मयोगी अभियान” और “प्रधानमंत्री जनमन योजना” के सफल क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ राज्य को राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया। राज्य की ओर से यह पुरस्कार प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने ग्रहण किया। इस अवसर पर देशभर के विभिन्न राज्यों और जिलों के प्रतिनिधि मौजूद थे। राष्ट्रपति द्वारा दिए गए इस सम्मान को छत्तीसगढ़ के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है, जिसने जनजातीय विकास और प्रशासनिक सुधार के क्षेत्र में देशभर में नया उदाहरण प्रस्तुत किया है।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के कई जिलों को भी विशिष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। धमतरी और कोरिया जिलों के कलेक्टरों, साथ ही मोहला-मानपुर, बालोद और दंतेवाड़ा जिलों को ‘स्क्रीन फेलिसिटेशन अवॉर्ड’ प्रदान किया गया। इसके अलावा राज्य के एक स्टेट ट्रेनर को भी व्यक्तिगत श्रेणी में विशेष पुरस्कार मिला है, जिन्होंने अभियान के अंतर्गत उत्कृष्ट प्रशिक्षण कार्य कर जनसेवा की गुणवत्ता बढ़ाने में योगदान दिया। ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ और ‘प्रधानमंत्री जनमन योजना’ का उद्देश्य प्रशासनिक तंत्र को
जनजातीय क्षेत्रों की आवश्यकताओं के अनुरूप सशक्त बनाना और सरकारी सेवाओं को आम नागरिकों तक अधिक प्रभावी तरीके से पहुंचाना है। इस दिशा में छत्तीसगढ़ ने न केवल योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में अग्रणी भूमिका निभाई, बल्कि जनभागीदारी और पारदर्शिता के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय उदाहरण प्रस्तुत किया।
इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ की पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मान राज्य के मेहनती अधिकारियों और कर्मचारियों की सामूहिक प्रतिबद्धता का परिणाम है। उन्होंने कहा- “हमारी सरकार की जनजातीय विकास नीतियाँ अब पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत बन रही हैं। यह सम्मान उन कर्मयोगियों को समर्पित है जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी जनसेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।” मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री जनमन योजना और आदि कर्मयोगी अभियान ने राज्य के प्रशासनिक ढांचे को नई दिशा दी है। इन योजनाओं के माध्यम से न केवल जनजातीय क्षेत्रों में प्रशासनिक पहुंच बेहतर हुई है, बल्कि विकास योजनाओं का लाभ अब समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहा है।
वहीं, आदिम जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास मंत्री राम विचार नेताम ने भी पूरे विभाग को इस उपलब्धि पर शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा- “यह सम्मान उन कर्मयोगियों को समर्पित है जिन्होंने जनजातीय सेवा को एक जन-आंदोलन का स्वरूप दिया है। छत्तीसगढ़ की धरती ने हमेशा समाजसेवा की मिसाल पेश की है, और यह पुरस्कार उसी भावना का परिणाम है।” मंत्री नेताम ने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और रोजगार जैसे मूलभूत क्षेत्रों में निरंतर सुधार हो। इसके लिए विभाग निरंतर नीतिगत और जमीनी स्तर पर कार्य कर रहा है। समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी छत्तीसगढ़ की पहल की सराहना करते हुए कहा कि आदिकर्मयोगी अभियान जैसे कार्यक्रम प्रशासनिक क्षमता और मानवीय दृष्टिकोण के बीच सेतु का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास देश में “सेवाभाव आधारित शासन प्रणाली” को मजबूत कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर मिले इस सम्मान ने एक बार फिर यह साबित किया कि छत्तीसगढ़ प्रशासनिक नवाचार और लोकसेवा सुधारों में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है।
LIVE: President Droupadi Murmu addresses the National Conclave on 'Adi Karmayogi Abhiyan' in New Delhi https://t.co/tznlfkAl9H
— President of India (@rashtrapatibhvn) October 17, 2025
Author Profile
Latest entries
छत्तीसगढ़December 6, 2025पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत रायगढ़ का एक ग्राम बनेगा सोलर मॉडल विलेज
छत्तीसगढ़December 6, 2025एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की छात्रा निहारिका नाग बनी राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता
छत्तीसगढ़December 6, 2025अमीन भर्ती परीक्षा कल, अभ्यर्थियों को जैकेट और ब्लेजर पहनना पूर्णतः प्रतिबंधित
छत्तीसगढ़December 6, 2025टोकन तुंहर हाथ ऐप ने दिखाई सुशासन और पारदर्शिता की नई मिसाल



