छत्तीसगढ़ में साल 2027 तक आठ लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें से चार लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाया जा चुका है। योजना के तहत महिला समूहों की महिलाएं अब किराना, आटा चक्की और आचार-पापड़ बनाने से लेकर दूध का व्यवसाय भी कर रही हैं।
बलरामपुर जिले के तारकेश्वरपुर की पूनम गुप्ता ने पहले किराना दुकान और आटा चक्की लगाई और अब उससे आमदनी लेकर पिकअप व ट्रैक्टर खरीदकर व्यवसाय को आगे बढ़ा रही हैं। इसी तरह गरियाबंद की हेमिन साहू ने आचार-पापड़ का व्यवसाय शुरू किया, जो दुकान तक पहुंच चुका है। उन्हें रोज 4 हजार रुपए की आय हो रही है। हाल ही में दिल्ली के सरस मेले में उन्होंने 2.32 लाख की बिक्री की। रायपुर की गीता वर्मा ने बताया कि स्व-सहायता समूह से जुड़कर हल्दी-मसाले का व्यवसाय शुरू किया और आज हर महीने 15 से 20 हजार रुपए कमा रही हैं।
जालाग्राम संगठन, सेरीखेड़ी की खिलेश्वरी मधुकर ने बताया कि उनके समूह की महिलाएं फिनाइल, धूपबत्ती, मोमबत्ती, कुकीज़ और ग्लिसरीन सोप बनाकर आत्मनिर्भर बन रही हैं। भारत माता संकुल, डोंगरगांव की महिलाओं से साहीवाल और गिर गाय के A2 मिल्क से निर्मित घी की खरीदारी की। समूह की दिनेश्वरी साहू ने बताया कि उनके पास 25 से 30 गाएं हैं, जिनसे डेयरी उत्पाद तैयार कर महिलाएं अच्छी आय कमा रही हैं।
पहले दूसरों के सामने हाथ फैलाती थीं, अब बेटे को बना रहीं इंजीनियर
गीता वैष्णव ने कहा कि पहले उन्हें 10 रुपए के लिए दूसरों के सामने हाथ फैलाना पड़ता था। लेकिन बिहान के माध्यम से मां वैभवलक्ष्मी स्व-सहायता समूह से जुड़कर उन्होंने आचार-पापड़ व्यवसाय शुरू किया। अब अपनी कमाई से बेटे को इंजीनियर बनाने का सपना पूरा कर रही हैं।
क्या है लखपति दीदी योजना: ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की एक सरकारी पहल है, जिसके तहत स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की वार्षिक घरेलू आय 1 लाख या उससे अधिक करने का लक्ष्य है। यह योजना महिलाओं को स्थायी आजीविका अपनाने, कौशल विकास करने और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करती है।
स्व-सहायता समूह की महिलाएं फ्लिपकार्ट से बेचेंगी सामान: साय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रदेश के अन्य जिलों की महिला समूहों को भी जल्द ही रेडी-टू-ईट बनाने का काम दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि यहां के समूह की महिलाओं के उत्पाद फ्लिपकार्ट जैसे प्लेटफार्म पर भी बिक सकें। सीएम मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर के शहीद स्मारक भवन में आयोजित बिहान दीदियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि महिलाएं जीवन के हर क्षेत्र में सफलता के नए आयाम गढ़ रही हैं। तकनीक ने पूरी दुनिया के उत्पादों को फिंगरटिप्स पर ला दिया है और अब डिजिटल माध्यम से वैश्विक बाजार तक पहुंचना संभव हो गया है।
इसी उद्देश्य से बिहान की दीदियों को डिजिटल प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि छत्तीसगढ़ के उत्पाद देश और दुनिया के बाजारों तक पहुंच सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश की महिलाएं इतिहास रच रही हैं। बिहान की बहनों की कामयाबी हमें गर्व से भर देती है। छत्तीसगढ़ की दीदियां अब आत्मनिर्भरता की ब्रांड एम्बेसडर बन रही हैं।
लखपति दीदियां सपनों को नए पंख दे रही हैं और आज उन्हें डिजिटली सक्षम बनाकर उनके उत्पादों को वैश्विक बाजार से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। साय ने कहा कि यदि हम संकल्प लेकर आगे बढ़ें तो सफलता निश्चित है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर काम कर रही हैं।
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