सुशासन तिहार से बढ़ी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की लोकप्रियता
रायपुर। जनहितैषी मुखिया विष्णुदेव साय ने कम समय में बड़ा मुकाम हासिल किया, प्रदेश की जनता काम-काज को खूब पसंद कर रही है। एक सर्वे में जनता ने सीएम साय के कामकाज की तारीफ की है। विष्णुदेव साय को सीएम पद संभाले 2 साल हो रहे है। वे अनेकों बड़े फैसले वन टू वन लेते आ रहे है। प्रत्येक महीने में 3 से 4 बार कैबिनेट मीटिंग लेकर जनता के हित में बड़ी सौगातें देते आ रहे है। इसी के साथ प्रदेश के युवाओं, गरीब, बेरोजगारो के लिए नौकरी के अवसर प्रदान कर रहे है। शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में जनता को समय पर सुविधा उपलब्ध करा रहे है।
जनता की पहली पसंद विष्णुदेव
देश में दूसरे नंबर पर छत्तीसगढ़ राज्य को लाने के लिए श्रेय एकमात्र मुख्यमंत्री साय जाता है, सरल, सज्जनता और ईमानदारी के साथ कर्तव्यों का पालन कर अपने राज्य की जनता के लिए ज़िम्मेदारी के साथ दिन रात एक करके राज्य की उन्नति और प्रगति के कार्यों का निष्पादन करना उनका एक ही उद्देश्य है, मुख्यमंत्री ने देश में दूसरे नंबर पर अपना स्थान बनाया अपने छत्तीसगढ़ राज्यों का मान बढ़ाया है आने वाले कुछ ही दिनों में राज्य में लगातार विदेशी निवेश होने के कारण और टेक्नोलॉजी में बड़े बड़े उद्योगों का आगमन होने के कारण हम देश के नंबर वन राज्य बनने की ओर अग्रसर हो रहा है।
इंडिया टुडे–MOTN सर्वे

Mood of the Nation सर्वे के अनुसार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के कामकाज से अपने गृह राज्य में 41.9% उत्तरदाता अगस्त 2025 में संतुष्ट बताए। यह आंकड़ा फरवरी 2025 के 39% से बढ़कर आया है, यानी हालिया सर्वे में उन के प्रति संतुष्टि में लगभग 2.9 प्रतिशत अंक की बढ़त दर्ज हुई। बड़े राज्यों के वर्ग में यह दूसरा स्थान बताता है; पहले स्थान पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा हैं। बड़े राज्यों के संदर्भ में प्रदर्शन: बड़े राज्यों के समूह में साय का 41.9% अंक दूसरे स्थान की पुष्टि करता है — इससे पता चलता है कि गृह राज्य में उनकी स्वीकार्यता कई अन्य बड़े राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बराबर-ऊपर है। सीएम साय की अभिनव पहल से ‘सुशासन तिहार’ प्रदेश में पारदर्शी, संवेदनशील एवं जवाबदेह प्रशासन की दिशा में एक सशक्त प्रयास सिद्ध हुआ। इसके अंतर्गत आयोजित समाधान शिविरों के माध्यम से आम नागरिकों की समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य आम जनता की समस्याओं का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण समाधान करते हुए शासन-प्रशासन को जन-जन तक पहुंचाना है। जिले में 5 मई से शुरू हुए समाधान शिविरों का आयोजन 31 मई 2025 तक किया जा रहा है। इसके अलावा शिविरों में ग्रामीणों के ब्लड प्रेशर, सुगर आदि स्वास्थ्य की जांच भी की जा रही है । जरूरत मंद पीड़ितों को जरूरी उपचार कर निशुल्क दवाइयां दी जा रही है ।
सुशासन तिहार का पहला चरण 8 से 11 अप्रैल के बीच सम्पन्न हुआ, जिसमें विशेष तैयारियों के तहत बेमेतरा जिले में जिला कार्यालय, एसडीएम कार्यालय, तहसील कार्यालय, जनपद पंचायतों, नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों में समाधान पेटियां स्थापित की गईं। इन पेटियों के माध्यम से जनता से कुल 1,40,780 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें मांग, शिकायतें और समस्याएं दर्ज थीं। शासन की मंशा थी कि इन आवेदनों का निराकरण गुणवत्तापूर्ण तरीके से किया गया । इनमें से केवल 3022 आवेदन शिकायतों से संबंधित थे, जबकि बाकी मांग और समस्याओं पर केंद्रित थे।
दूसरे चरण में इन आवेदनों का निराकरण एक माह के भीतर करने का लक्ष्य रखा गया था, जो पूरा कर लिया गया। यह अभियान न केवल समस्याओं के समाधान तक सीमित है, बल्कि यह सुशासन की संस्कृति को गांव-गांव और घर-घर तक पहुंचाने का प्रयास है। आम जनता को शासन की योजनाओं और सुविधाओं की जानकारी मिल रही है, और उनकी शिकायतों का समयबद्ध निराकरण किया जा रहा है। इससे जनता और प्रशासन के बीच की दूरी कम हुई है और भरोसा मजबूत हुआ है। बेमेतरा में चल रहे समाधान शिविर निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ में जनसेवा का नया अध्याय लिख रहे हैं।
सुशासन तिहार के दौरान पूरे प्रदेश के भ्रमण और शिकायत निवारण समाधान शिविरों से धरातल पर शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन और निचले प्रशासनिक तंत्र की कमियाँ पता की और उन्हें दूर किया । इससे जनता में मुख्यमंत्री के प्रति विश्वास बढ़ा।
सरकार ने सभी अधिकारियों को मैदानी स्तर पर सरकार की प्राथमिकता वाली सभी योजनाओं के क्रियान्वयन को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने जल-जीवन मिशन के तहत ग्रामीण परिवारों के लिए घरेलू नल कनेक्शन देने के काम में और अधिक प्रगति लाने कहा। उन्होंने कहा कि स्कूलों में अच्छी गुणवत्ता के शौचालय बनाए जाएं। मध्याह्न भोजन के लिए स्थानीय उत्पादकों से खाद्य सामग्री क्रय कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाए।
प्रत्येक गांव में एनीमिया और कुपोषण की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। जिले स्तर पर इसकी समीक्षा के साथ ही कुपोषित बधो और एनीमिया ग्रस्त बधाों का तत्काल इलाज कराया जाए। इसी तरह से मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना में लगाए जा रहे शिविरों में अनिवार्य रूप से चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत एनजीटी के दिशा-निर्देशों का पूरा पालन किया जाए। अपशिष्ट प्रबंधन के लिए प्रत्येक जिले की तीन-तीन ग्राम पंचायतों को माडल पंचायत घोषित करने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाए। CM सचिवालय की टीम ने विभागों और जिला कलेक्टरों के कामों की सतत मॉनिटरिंग की , योजनाओं के क्रियान्वयन के पक्ष पर विशेष जोर दिया।
ई-ऑफिस फाइल सिस्टम
छत्तीसगढ़ में अब सरकारी फाइलें ऑनलाइन आदान प्रदान की जा रही है। सीएम साय ने सारे विभाग और कलेक्टरों को सख्त निर्देश दिए हैं कि अब से मंत्रालय और बाकी दफ्तरों के बीच होने वाला सारा पत्राचार सिर्फ ई-ऑफिस फाइल या रिसीप्ट के जरिए ही करें। कागज पर फाइल भेजने-लाने का तरीका बंद कर दिया गया है। साय सरकार ने इस बारे में आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि कामकाज में तेजी लानी है, पारदर्शिता बढ़ानी है और साथ में पर्यावरण का भी ध्यान रखना है, इसलिए यह फैसला लिया गया है।
अगर किसी वजह से किसी दफ्तर में अभी ई-ऑफिस की सुविधा नहीं है, तो वहां अस्थायी तौर पर शासकीय ईमेल से काम किया जा है, यानी हाथ में कागज पकड़ा कर फाइल इधर-उधर नहीं भेजी जा रही है। शासन ने साफ कहा है कि जिला कार्यालय, संभागीय दफ्तर, या कोई भी शासकीय संस्था मंत्रालय को अगर कुछ भेजेगी तो वो भी सिर्फ ई-ऑफिस फाइल या रिसीप्ट के माध्यम से भेजे।
मोदी की गारंटी अधिकांश पूरी
मुख्यमंत्री साय ने मोदी की गारंटी के अधिकांश वादों को पूरा कर दिया है। चाहे किसानों के लिए 3100 रुपये में धान खरीदी हो या पिछले दो वर्षों का धान बोनस, महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना, बुजुर्गों के लिए रामलला दर्शन, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का पुनः प्रारंभ, या 5 लाख 62 हजार कृषि मजदूरों को सालाना 10 हजार रुपये देने का वादा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि हर किसी का पक्का मकान हो। शपथ लेने के दूसरे दिन हमने कैबिनेट की बैठक में 18 लाख आवासों की स्वीकृति दी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गांव-गांव में जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए वॉटर हार्वेस्टिंग अपनाने की अपील की।
साय सरकार का भ्रष्टाचार पर प्रहार
विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति लेकर आगे बढ़ रही है। साथ ही भ्रष्टाचार के विरुद्ध लगातार सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। पूर्व शासनकाल के दौरान हुए 3200 करोड़ रूपए के बहुचर्चित शराब घोटाले में साय सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 29 में से 22 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। निलंबन की इस कार्रवाई को किसी भी राज्य द्वारा की गई अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। इन अधिकारियों पर वर्ष 2019 से 2023 के बीच भ्रष्टाचार कर करीब 88 करोड़ रुपये की अवैध कमाई से चल-अचल संपत्तियां भी बनाने का आरोप है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा की गई विस्तृत जांच में यह खुलासा हुआ है कि यह पूरा घोटाला एक संगठित सिंडिकेट के जरिये संचालित हो रहा था, जिसमें आरोपी आबकारी अधिकारियों ने सक्रिय भूमिका निभाई। इसका खुलासा होते ही छत्तीसगढ़ सरकार ने बिना देर के 22 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। जिनमें आबकारी उपायुक्त अनिमेष नेताम, अरविन्द कुमार पाटले, नीतू नोतानी, नोहर सिंह ठाकुर, विजय सेन शर्मा शामिल हैं।
इसी प्रकार सहायक आयुक्त आबकारी प्रमोद कुमार नेताम, विकास कुमार गोस्वामी, नवीन प्रताप सिंह तोमर, राजेश जायसवाल, मंजुश्री कसेर, दिनकर वासनिक, आशीष कोसम, सौरभ बख्शी, प्रकाश पाल, रामकृष्ण मिश्रा, अलख राम कसेर, सोनल नेताम और जिला आबकारी अधिकारी मोहित कुमार जायसवाल, गरीबपाल सिंह दर्दी, इकबाल अहमद खान, जनार्दन सिंह कौरव, नितिन कुमार खंडूजा शामिल हैं। गौरतलब है कि पूर्व सरकार के पांच साल के कार्यकाल के दौरान कई बड़े घोटाले हुए हैं, जिनकी जांच केंद्रीय और राज्य एजेंसियां कर रही हैं और एक-एक कर सभी दोषी जेल भेजे जा रहे हैं। केवल शराब घोटाला ही नहीं, राज्य सरकार डीएमएफ घोटाला, महादेव सट्टा एप घोटाला और तेंदूपत्ता घोटाले जैसे मामलों की भी गहराई से जांच करवा रही है, जिनमें किसी भी तरह की संलिप्तता सामने आने पर दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो रही है। बीते दो वर्षों में ACB ने 200 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़ा है, जो राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का बड़ा उदाहरण है।
मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के साथ-साथ राज्य में सुशासन और पारदर्शी प्रशासन को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। इसके तहत जेम पोर्टल से खरीददारी को अनिवार्य किया गया है, ई-ऑफिस प्रणाली की शुरुआत हुई है, 350 से अधिक सुधारों के जरिये निवेश की राह भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी और आसान बनाई गई है, इसी क्रम में सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 के माध्यम से एनओसी की प्रक्रिया बेहद सरल कर दी गई है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आबकारी विभाग में FL-10 नीति को समाप्त कर पारदर्शी व्यवस्था लागू की गई है और देशी-विदेशी मदिरा की बोतलों पर अब नासिक मुद्रणालय से छपने वाले होलोग्राम अनिवार्य किए गए हैं ताकि नकली शराब की बिक्री पर रोक लगाई जा सके। इसी तरह खनिज ट्रांजिट पास की प्रक्रिया अब पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई है, लकड़ियों की ई-नीलामी प्रणाली लागू की गई है और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए सुशासन एवं अभिसरण विभाग की स्थापना की गई है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने PSC-2021 परीक्षा में हुई अनियमितताओं की जांच CBI को सौंप दी है, जिसमें आयोग के तत्कालीन चेयरमैन को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, भारतमाला योजना और सीजीएमएससी घोटालों की जांच भी EOW को सौंपी गई है, जिनमें दोषी अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है। भ्रष्टाचार के विरुद्ध इस पारदर्शी कार्रवाई में आईएएस, आईएफएस से लेकर राज्य सेवा के विभिन्न स्तर के अधिकारियों पर भी कार्रवाई हुई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट कहा है कि यह घोटाला पिछली सरकार के कार्यकाल में हुआ था, घोटाले में संलिप्त किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। अब राज्य में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है, हमारी सरकार का उद्देश्य जनता को पारदर्शी, जवाबदेह और ईमानदार प्रशासन देना है।
पहला AI स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन की सौगात, स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा
भारत का पहला AI स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (SEZ) अब छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर में बनने जा रहा है। यहां हाइटेक कम्प्यूटर सिस्टम और सर्वर होंगे, जो सोचने जैसी क्षमता वाले एआई सिस्टम को चलाएंगे और दुनिया की बड़ी कंपनियां यहीं से अपने डिजिटल काम करेंगी। सरकार ने इस SEZ को टैक्स और अन्य कानूनी छूट दी है। जिससे नई तकनीकों को तेजी से विकसित किया जा सके। यह पहली बार है जब भारत में ऐसा कोई क्षेत्र पूरी तरह एआई पर केंद्रित बनाया जा रहा है, जिससे नवा रायपुर देश का अगला डिजिटल और तकनीकी हब बनकर उभरेगा। इस परियोजना के ज़रिए भारत को वैश्विक स्तर पर टेक्नोलॉजी लीडर बनाने की दिशा में एक बड़ी छलांग मानी जा रही है। छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में भारत का पहला एआई-आधारित रैक बैंक डेटा सेंटर एसईजेड बनाया जाएगा। यह स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन पूरी तरह से कंप्यूटर, इंटरनेट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़ा होगा। इस परियोजना का विकास रैकबैंक डेटा सेंटर्स प्राइवेट लिमिटेड कर रही है, जिसमें करीब 1000 करोड़ का निवेश होगा।
फार्मास्यूटिकल्स यूनिट शुरू
रायपुर में एक फार्मास्यूटिकल्स यूनिट शुरू की गई। ये यूनिट नवा रायपुर के सेक्टर-05 में तैयार किया गया है। इस यूनिट में पूरी तरह ऑटोमेटेड मशीनें हैं, जहां टैबलेट, सिरप, ऑइंटमेंट और क्रीम जैसे विभिन्न प्रकार की दवाइयों का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस इकाई के विस्तार से बड़ी संख्या में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि कोविड के कठिन दौर में दवाइयों की किल्लत को देखते हुए इस इकाई के निर्माण का सपना देखा गया था और आज वह साकार हुआ है। उन्होंने कहा कि जब पूरी दुनिया कोविड के संकट से जूझ रही थी, तब भारत ने स्वदेशी वैक्सीन विकसित कर एक मिसाल कायम किया। साय ने कहा कि फार्मास्यूटिकल्स की इकाई का शुभारंभ प्रदेश के औद्योगिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति निवेशकों को आकर्षित कर रही है और पिछले सात-आठ महीनों में 6 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से कई परियोजनाओं पर कार्य आरंभ हो चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार औद्योगिक इकाइयों के माध्यम से अधिक से अधिक रोजगार सृजन का कार्य कर रही है और ऐसी इकाइयों को विशेष प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है।
महतारी वंदन योजना
प्रदेश मे महिलाओ के आर्थिक स्वावलंबन तथा उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर मे सतत सुधार तथा परिवार मे उनकी निर्णायक भूमिका सुदृढ़ करने हेतु , समाज मे महिलाओं के प्रति भेदभाव , असमानता एवं जागरूकता की कमी को दूर करने , स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर मे सुधार करने तथा आर्थिक स्वावलंबन एवं सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मंत्री परिषद द्वारा सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में “महतारी वंदन योजना” लागू किए जाने का निर्णय लिया गया है , जिसके अंतर्गत पात्र विवाहित महिलाओ को प्रतिमाह 1000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
कृषक उन्नति योजना
साय सरकार ने राज्य में दलहन, तिलहन, मक्का आदि की फसल उगाने वाले किसानों को कृषक उन्नति योजना (Krishak Unnati Yojana) का फायदा देने का फैसला किया है। अब इस योजना का फायदा खरीफ 2025 में धान उत्पादक किसानों के साथ-साथ अब दलहन, तिलहन, मक्का आदि की फसल उगाने वाले किसानों को भी मिलेगा।
Author Profile
Latest entries
RaipurDecember 7, 2025जन कल्याणकारी नीतियों से प्रदेश की बहनों को मिली आत्मनिर्भरता और समृद्धि: CM साय
CRIMEDecember 7, 2025बलरामपुर जिला प्रशासन की सतर्कता से 400 बोरी अवैध धान से भरा ट्रक जब्त
RaipurDecember 7, 2025प्रदेश में धान खरीदी का महाअभियान तेजी के साथ जारी
RaipurDecember 7, 2025शिक्षा ही सामाजिक विकास का मूलमंत्र : CM विष्णुदेव साय




