चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग का कीर्तिमान पहले ही स्थापित कर चुका भारत अब अंतरिक्ष में रफ्तार बढ़ाने के लिए तैयार है। इस काम में NASA यानी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन का भी साथ मिलने जा रहा है। खबर है कि नासा ने भारतीय यात्री को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बनाई है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने मंगलवार को यहां कहा कि भारत के खुद के अंतरिक्ष स्टेशन निर्माण में नयी दिल्ली का सहयोग करने के लिए वॉशिंगटन तैयार है। भारत यात्रा पर आए नेल्सन ने कहा कि अमेरिका और भारत अगले साल के अंत तक एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भेजने की योजना पर काम कर रहे हैं।
नेल्सन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘अंतरिक्ष यात्री का चयन इसरो द्वारा किया जाएगा। नासा चयन नहीं करेगा।’ उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर भारत चाहे तो अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण में नई दिल्ली के साथ सहयोग करने के लिए वॉशिंगटन तैयार होगा।
नेल्सन ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि उस समय तक एक वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टेशन होगा। मुझे लगता है कि भारत 2040 तक एक वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टेशन चाहता है। अगर भारत चाहता है कि हम उसके साथ सहयोग करें, तो निश्चित रूप से हम उपलब्ध होंगे। लेकिन यह भारत पर निर्भर है।’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसरो से 2035 तक एक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन बनाने और 2040 तक चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को उतारने का लक्ष्य रखने को कहा है।
नेल्सन ने मंगलवार को विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह से मुलाकात की तथा उनका अंतरिक्ष क्षेत्र के व्यापारिक दिग्गजों के साथ बैठक के लिए मुंबई जाने का कार्यक्रम है। उनका बेंगलुरु में इसरो मुख्यालय का दौरा करने और भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा से भी मिलने का कार्यक्रम है।
खास बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो को 2035 तक ‘भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन’ के निर्माण का लक्ष्य बनाने का निर्देश दिया है। इसके अलावा भारत 2040 तक चांद पर मानव की लैंडिंग की तैयारी भी कर रहा है।