चेन्नई। तमिलनाडु में आए चक्रवाल में जान गंवाने वालों के परिजनों को पांच लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया गया है। इसके अलावा मवेशी और घर को हुई क्षति के लिए अलग अलग राहत राशि तय की गई है।तमिलनाडु सरकार ने चक्रवात फेंगल को आधिकारिक तौर पर एक गंभीर प्राकृतिक आपदा घोषित कर दिया है। राज्य सरकार ने इस चक्रवात के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, चक्रवात से सबसे अधिक प्रभावित जिलों, जैसे विल्लुपुरम, कल्लाकुरिची और कुड्डालोर के निवासियों को तत्काल वित्तीय सहायता के रूप में 2,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे। राज्य ने केंद्र सरकार से 6,000 करोड़ रुपये से अधिक के वित्तीय पैकेज की भी मांग की है ताकि राहत, पुनर्वास और बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के प्रयासों को आगे बढ़ाया जा सके।
चक्रवात के कारण राज्यभर में मूसलधार बारिश और तेज हवाएं चलीं, जिससे 12 लोगों की जान चली गई और 2,11,139 हेक्टेयर कृषि और बागवानी भूमि जलमग्न हो गई। इसके साथ ही, 1,649 किलोमीटर लंबा विद्युत कंडक्टर, 23,664 बिजली के खंभे और 997 ट्रांसफार्मर भी नष्ट हो गए।
चक्रवात के परिणामस्वरूप 9,576 किलोमीटर लंबी सड़कें, 1,847 पुलिया और 417 जलाशय भी क्षतिग्रस्त हो गए। विल्लुपुरम, तिरुवन्नामलाई और कल्लाकुरिची जिलों में एक ही दिन में 50 सेमी से अधिक वर्षा हुई, जिससे भयंकर बाढ़ आ गई। चक्रवात से कुल 69 लाख परिवार प्रभावित हुए और 1.5 करोड़ लोग विस्थापित हो गए। राज्य सरकार के प्रारंभिक आकलन के अनुसार, अस्थायी बहाली प्रयासों के लिए 2,475 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री स्टालिन ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से 2,000 करोड़ रुपये की अंतरिम राहत की मांग की है और केंद्रीय मूल्यांकन टीम से अतिरिक्त वित्तीय सहायता की भी अपेक्षा की है।
राज्य सरकार द्वारा घोषित राहत उपायों के तहत, विल्लुपुरम, कल्लाकुरिची और कुड्डालोर जिलों के उन राशन कार्ड धारकों को 2,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी जिनकी आजीविका चक्रवात के कारण प्रभावित हुई है। इसके अतिरिक्त, फसल क्षतिपूर्ति में भी मुआवजा घोषित किया गया है, जिसमें 33 प्रतिशत या उससे अधिक क्षतिग्रस्त सिंचित फसलों (जैसे धान) के लिए 17,000 रुपये प्रति हेक्टेयर, बारहमासी फसलों और पेड़ों के लिए 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर, और वर्षा आधारित फसलों के लिए 8,500 रुपये प्रति हेक्टेयर का मुआवजा शामिल है।इसके अलावा, राज्य सरकार ने मवेशियों और बकरियों की क्षति के लिए भी मुआवजा तय किया है। प्रत्येक गाय या भैंस के लिए 37,500 रुपये, प्रत्येक बकरी या भेड़ के लिए 4,000 रुपये और प्रत्येक मुर्गी के लिए 100 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। बाढ़ से क्षतिग्रस्त मिट्टी की झोपड़ियों के लिए 10,000 रुपये की राशि भी मुआवजे के रूप में प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर चक्रवात के कारण हुई व्यापक तबाही के बारे में बताया।
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