नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित जग्गी हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने छह दोषियों को जमानत दे दी है। इनमें पूर्व पुलिस अफसर एएस गिल, वीके पांडेय और आरसी त्रिवेदी समेत अन्य आरोपी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। इन सभी दोषियों ने पांच साल से अधिक समय जेल में बिताया है, जिसके आधार पर उन्हें जमानत दी गई है।
यह मामला 21 साल पुराना है, जब 4 जून 2003 को एनसीपी के कोषाध्यक्ष रामअवतार जग्गी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनके बेटे सतीश जग्गी ने इस मामले में मौदहापारा थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। निचली अदालत ने 31 मई 2007 को कुछ आरोपितों को बरी करते हुए शेष आरोपितों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले को हाई कोर्ट ने भी बरकरार रखा।
हाई कोर्ट ने 27 आरोपितों को उम्रकैद की सजा दी, जिनमें शूटर चिमन सिह, याहया ढेबर, तत्कालीन सीएपीएफ अफसर अमरिंदर गिल, आरसी त्रिवेदी, वीके पांडेय और अभय गोयल जैसे आरोपी शामिल थे। इस मामले में एक अन्य आरोपित बुलठू पाठक की मौत हो चुकी है।
अब सुप्रीम कोर्ट ने छह दोषियों को जमानत दी है, जबकि बाकी 27 दोषी उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। यह मामला छत्तीसगढ़ में एक प्रमुख राजनीतिक और आपराधिक विवाद के रूप में चर्चित है।