मुंबई। मुंबई में एक 9 साल की बच्ची के साथ हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। बच्ची को क्लास में मस्ती करने की वजह से गंभीर सजा मिली, जिसकी कीमत अब वह अस्पताल में वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच झूलकर चुका रही है।
आरोप है कि बच्ची की ट्यूशन टीचर ने उसे अनुशासन में रखने के लिए कान के पास दो तेज़ थप्पड़ मारे, जिसके बाद उसकी कान की बाली अंदर धंस गई। इस चोट से बच्ची के शरीर में टेटनस फैल गया, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई।
यह घटना 5 अक्टूबर को मुंबई के उपनगर नाला सोपारा में हुई। पहले तो बच्ची को सूजन और जबड़े में तेज जकड़न का सामना करना पड़ा, लेकिन इलाज में देरी के कारण स्थिति बिगड़ती गई और अंततः उसे केजे सोमैया अस्पताल में भर्ती किया गया। परिवार की शिकायत के बाद टीचर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और पुलिस ने पूछताछ के लिए उसे नोटिस भेजा है।
बच्ची के परिजनों का कहना है कि इलाज के लिए उन्होंने कई अस्पतालों और क्लिनिकों के चक्कर काटे, लेकिन किसी ने भी उनकी बच्ची को भर्ती नहीं किया। उनकी हालत इतनी बिगड़ गई थी कि दीपिका बोलने पर अपनी जीभ काट लेती थी और उसे खून आता था।
डॉक्टर इरफान अली, केजे सोमैया अस्पताल के पीडिएट्रिशन इंटेंसिविस्ट, ने बताया कि बच्ची की हालत गंभीर थी और उसे लकवे की स्थिति में लाया गया था। टेटनस का संक्रमण उसके शरीर में फैल चुका है, और उसकी हालत में सुधार होने में करीब 10 दिन और लग सकते हैं।
तूलिंज पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर शैलेंद्र नागरकर ने कहा कि बच्ची के परिजनों ने टीचर के खिलाफ शिकायत की है और मामला दर्ज कर लिया गया है।
टेटनस बैक्टीरिया आमतौर पर किसी गहरे या गंदे घाव के जरिए शरीर में प्रवेश करता है, और यदि इसका समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो यह घातक साबित हो सकता है। दीपिका के मामले में, चोट की गंभीरता को समझने में देरी और ICU बेड की तलाश ने उसके स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाला।