वृंदावन। निर्जला एकादशी पर सोमवार को ठाकुर बांकेबिहारी की नगरी भक्तों की भीड़ से गुलजार रही। भक्तों ने निर्जल व्रत रखकर भोर में यमुना स्नान किया और फिर ठा. बांकेबिहारी के दर्शन का पंचकोसीय परिक्रमा शुरू कर दी। परिक्रमा मार्ग में भोर से ही श्रद्धालुओं की टोलियां भगवान के भजनों पर नाचते गाते गुजर रही थीं। दिन चढ़ने के साथ भीड़ का दबाव बढ़ने लगा। मंगलवार को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु कपाट खुलने से पहले ही डेरा जमाए हुए हैं।
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी पर विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान हुए। निर्जला एकादशी का व्रत अधिकतर मंदिर, आश्रमों में मंगलवार को रखा जाएगा। प्रात: यमुना में स्नान करने के बाद वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ यमुना महारानी का जलाभिषेक के साथ दुग्धाभिषेक किया।
मंगलवार को बड़ी संख्या में पहुंचे भक्त
इस एकादशी व्रत को निर्जल रखा जाता है। मतलब, इस व्रत में जल का सेवन नहीं करते हैं। मान्यता है इस एकादशी व्रत को करने से वर्ष की 24 एकादशियों के व्रत के समान फल मिलता है। इस बार व्रज की तिथि अधिकतर जगहों पर मंगलवार को तय की गई है।
बढ़ती भीड़ का दबाव
निर्जला एकादशी पर ठा. बांकेबिहारी के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। ठाकुरजी के द्वार पर लंबी कतार लग गई। भीड़ का यह क्रम विद्यापीठ चौराहा से शुरू हुआ, जो अंदर तक देखने को मिला। रेलिंग के बीच से गुजरते हुए श्रद्धालु मंदिर की गली नंबर तीन तक पहुंचे। तो पुलिस ने बैरिकेडिंग पर श्रद्धालुओं को रोक रोककर आगे बढ़ने का मौका दिया।