RANCHI : अभी-अभी इस वक्त की एक बड़ी खबर झारखंड की राजधानी रांची से सामने आ रही है बताया जा रहा है कि चंपई सोरेन को झारखंड का नया मुख्यमंत्री बनाया गया है. मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार राज्यपाल से मिलने झामुमो गठबंधन के सभी विधायक मिलने पहुंचे जहां चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है. इससे पहले कहां जा रहा था की गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने फैसला किया है कि अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. इसी बीच खबर आ रही है कि राज्यपाल से मिलने के लिए हेमंत सोरेन भी पहुंचे हैं।
जमीन घोटाले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ED की पूछताछ जारी है। 7 अधिकारियों की टीम दोपहर 1:15 बजे सीएम हाउस पहुंची। इससे पहले 20 जनवरी को ED ने साढ़े सात घंटे पूछताछ की थी।सीएम आवास डीजीपी और मुख्य सचिव पहुंचे हैं। बताया जाता है कि सीएम हेमंत सोरेन को ED गिरफ्तार कर सकती है। सीएम की कारकेड की गाड़ियां भी बाहर निकली हैं, लेकिन मुख्यमंत्री नहीं थे।पूछताछ को लेकर रांची में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है। साथ ही ED ऑफिस, राजभवन और CM आवास के आसपास धारा 144 अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दी गई है।अब सीएम आवास के पास सुरक्षा बढ़ा दी गई। इसके साथ ही सीएम आवास में कुछ बसें पहुंची हैं। बताया जा रहा है कि इन बसों पर बैठकर विधायक राजभवन जाएंगे।सियासी हलचल भी तेज है। मंगलवार को महागठबंधन दल के विधायकों की बैठक हुई। कहा जा रहा है कि बैठक में हेमंत सोरेन ने विधायकों से दो पेपर पर साइन कराए हैं। एक में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और दूसरे में विधायक चंपई सोरेन का नाम है।अगर सीएम की गिरफ्तारी होती है तो कल्पना को मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी है, लेकिन सहमति नहीं बनती है तो चंपई को कमान दी जाएगी। आज भी सत्ता दल (झामुमो, कांग्रेस और राजद) के विधायक CM हाउस में हैं।
सरायकेला-खरसावां जिले स्थित जिलिंगगोड़ा गांव निवासी आदिवासी सिमल सोरेन खेती किसानी किया करते थे. उनके चार बच्चों में बड़े बेटे का नाम चंपई सोरेन है. चंपई भी अपने पिता के साथ हाथ बंटाते थे. 10वीं क्लास तक सरकारी स्कूल से चंपई ने पढ़ाई लिखाई की. इस बीच उनका विवाह कम उम्र में ही मानको से कर दिया गया. शादी के बाद चंपई के 4 बेटे और तीन बेटियां हुईं.
इसी दौरान बिहार से अलग झारखंड राज्य की मांग उठने लगी. शिबू सोरेन के साथ ही चंपई भी झारखंड के आंदोलन में उतर गए. जल्द ही ‘झारखंड टाइगर’ के नाम से मशहूर भी हो गए. इसके बाद चंपई सोरेन ने अपनी सरायकेला सीट से उपचुनाव में निर्दलीय विधायक बनकर अपने राजनीतिक करियर का आगाज कर दिया. इसके बाद वह झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए थे.बीजेपी नेता अर्जुन मुंडा की 2 साल, 129 दिन की सरकार में झामुमो नेता चंपई सोरेन को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था और अहम मंत्रालय दिए गए थे. चंपई 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक मंत्री रहे.
इसके बाद राष्ट्रपति शासन लग गया था और फिर हेमंत सोरेन की अगुवाई में बनी झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार में चंपई सोरेन को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन मंत्री बनाया गया.वहीं, दूसरी बार 2019 में फिर से हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने पर चंपई सोरेन को परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री रखा गया है. चंपई झामुमो के उपाध्यक्ष भी हैं.