रायपुर। अनिरुद्धाचार्य महाराजश्री की अवधपुरी मैदान गुढिय़ारी में स्व. सत्यनारायण बाजारी (मन्नू भाई) की पुण्य स्मृति में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस महाराजश्री द्वारा प्रभू गौरी-गोपाल को पुष्प माला, राजेश मूणत-विधायक, विनोद अग्रवाल-पार्षद एवम् कृष्णा बाजारी परिवार द्वारा – आरती से कथा आरम्भ की गई. महाराजश्री ने कल उनके स्वागत में निकली भव्य शोभायात्रा की प्रशंसा करते हुए आयोजक परिवार एवम् स्वागतकर्ताओं का आभार व्यक्त किया. मंच से विधायकगण पुरन्दर मिश्रा, राजेश मूणत, पार्षद विनोद अग्रवाल का स्मृति चिन्ह एवम् कृष्ण नाम का पटका (गमछा) पहनाकर अभिनंदन किया गया।
भव्य श्री राम दरबार प्रतिरुप मंच से महाराजश्री ने सुमधुर संगीतमय भजन – तेरे चरण कमल से श्याम, लिपट जाऊं रज-रज में… से सभी का मन मोह लिया. हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने भजन के साथ नाचते-झूमते पूर्ण आनंद लिया. महाराज ने बताया कि भागवत कथा में 18 हजार श्लोक, 335 अध्याय और 12 स्कन्ध हैं जिनका श्रवण करने से हृदय, मन पवित्र एवं निर्मल होता है. उन्होंने उपस्थित भक्तों से पूछा की प्रत्येक व्यक्ति में भगवान विराजमान होते हैं परंतु फिर भी कुछ लोग पाप कर्म क्यों करते हैं? उन्होंने इसे विस्तार से समझाया। भक्त प्रहलाद, गोस्वमी तुलसीदास आदि सुविख्यात भक्तों का उदाहरण देते हुए बताया कि जो भक्त भगवान से जुड़ जाते हैं दुनिया उन्हें ही याद करती है.
महाराजश्री ने बरसाने में राधा-कृष्ण की प्रथम भेंट का वृतांत सुनाते हुए श्री राधा जी द्वारा मोर पंख भेंट एवं उसे श्री कृष्ण द्वारा मुकुट में लगाने के प्रसंग को भक्तों को सुनाया. महाराज श्री ने बताया भक्ति नौ प्रकार से की जाती है जिसका रामचरित मानस में उल्लेख है-श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पादसेवन, अर्चन, वंदन, दास, सख्य और आत्म निवेदन. महाराजश्री ने इन सभी प्रकारों को विस्तार से समझाया. महाराजश्री ने सभी भक्तों को अपने आश्रम आमंत्रित करते हुए… आज वृंदावन आने का वादा करो… भजन सुनाया. कथा के अंत में पुन: गौरी-गोपाल की आयोजक परिवार एवम् समिति के प्रमुखों द्वारा आरती की गई. कार्यक्रम को सफल बनाने ओमप्रकाश मिश्रा, ओमप्रकाश बाजारी, दीपक अग्रवाल, विकास सेठिया, सुनील बाजारी, नितिन कुमार झा, सौरभ मिश्रा, रीतेश राठौर, डॉ. विकास अग्रवाल सहित सैकडों की संख्या में कार्यकर्ता सक्रिय रहे.