बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्थित अपोलो हॉस्पिटल में 4 डॉक्टर्स को अरेस्ट किया गया है। दरअसल, 7 साल पहले हुए गोल्डी की मौत के केस में अब कार्रवाई हुई है। मामले में परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बतरने का आरोप लगाया था। लेकिन, पुलिस ने तब कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद परिजनों ने मामले को हाई कोर्ट तक पहुँचाया जिसके बाद एक्शन लिया गया है। पुलिस ने मामले की जांच के बाद अपोलो अस्पताल प्रबंधन पर भी कार्रवाई करने का दावा किया है।
ये था पूरा मामला
आदर्श कॉलोनी निवासी गोल्डी उर्फ गुरवीन छाबड़ा (29 वर्ष) को 25 दिसंबर 2016 को पेट में दर्द हुआ। जिस पर परिजन इलाज के लिए उसे अपोलो अस्पताल ले गए। दूसरे दिन 26 दिसंबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से मौत के आरोप लगाए और सिटी कोतवाली पुलिस से शिकायत की। लेकिन पुलिस ने जांच के बाद कोई कार्रवाई नहीं की और मामले को रफा-दफा कर दिया। जिसके बाद परिजनों ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई। चार साल पहले हाईकोर्ट ने पुलिस को दोबारा जांच कराने और मेडिको लीगल संस्थान के साथ विशेषज्ञ डॉक्टर से जांच कराने के आदेश दिया था। जिसपर अब जाकर 7 साल बाद कार्रवाई हुई है।
लापरवाही बरतने वाले 4 डॉक्टर गिरफ्तार
जांच में गोल्डी उर्फ गुरवीन छाबडा की मृत्यु ईलाज के दौरान अपोलो अस्पताल प्रबंधन बिलासपुर एवं संबंधित डॉक्टरों की लापरवाही से होना पाया गया। जिसके बाद डॉक्टर्स के खिलाफ सरकण्डा थाना में धारा 304ए, 201, 34 के तहत पराध दर्ज किया गया। इसमें डॉक्टर देवेन्द्र सिंह, डॉक्टर राजीव लोचन, डॉक्टर मनोज राय एवं डॉक्टर सुनील केडिया को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में अपोलो अस्पताल प्रबंधन व अन्य डॉक्टरों की लापरवाही के संबंध में जांच की जा रही है।