रायपुर: पिछले दिनों संसद भवन के सुरक्षा में हुई बड़ी चूक से देश के आला सुरक्षा अधिकारी अलर्ट मोड पर है। संसद के बाहर जहां सरकार और उनके मातहत इस चूक पर माथापच्ची कर रहे है तो वही संसद के अंदर जमकर हंगामा बरपा हुआ है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों से हंगामे के चलते बड़ी संख्या में सांसदों को निलंबित किया जा चुका है।
अब ऐसे में राज्यों के विधानसभाओं और भीतर मौजूद अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा की भी समीक्षा की जा रही है। राज्यों के आला पुलिस अधिकारी राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रियों और बड़े अफसरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर हो चले है।
बात करे छत्तीसगढ़ की तो कल यानी मंगलवार से यहाँ भी विधानसभा के शीत सत्र का आगाज होने जा रहा है। यह सत्र दो मायनो में काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है। पहला कि संसद की सुरक्षा में चूक के बाद यह विधानसभा का पहला सत्र है तो वही विधानसभा चुनाव के बाद बदली हुई सरकार की अगुवाई में इस पूरे सेशन का आयोजन होगा।
भाजपा नीत नई सरकार इस सत्र में अपने घोषणाओं को अमलीजामा पहनाना शुरू कर रही है लिहाजा सरकार की तरफ से अनुपूरक बजट भी इस सत्र में लाया जाना प्रस्तावित है। यह अनुपूरक बजट अब तक के सबसे सबसे बड़े अनुपूरक बजट में से एक होगा जिसके करीब 11 हजार करोड़ रुपये के होने का अनुमान है।
बहरहाल इन सबसे लग हम बात कर रहे है विधासनभा के सुरक्षा की। दरअसल इस राज्य के पुलिस अधिकारी किसी भी वीआईपी की सुरक्षा में कोताही बरतने के मूड में नहीं है लिहाजा रायपुर राजधानी स्थित विधानसभा भवन की सुरक्षा इस बार अभेद और भूतपूर्व होगी।
दरअसल रायपुर रेंज के आईजी रतनलाल डांगी समेतआईजी इंटेलिजेंस आनंद छाबड़ा सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सुरक्षा अधिकारियों के साथ बड़ी बैठक ले रहे बैठक। इस बैठक में एसएसपी, एएसपी, सीएसपी समेत सभी थाना प्रभारी भी मौजूद है।
बताया जा रहा है कि विधानसभा में तीन लेयर सुरक्षा के दौरान 1 हजार पुलिस के अधिकारी और जवानों की तैनाती की जाएगी।