कांकेर। बस्तर संभाग के कांकेर जिले में जंगल से निकल कर भालू चारा पानी की तलाश में आसपास के गावों के कच्चे मकानों में घुस रहे हैं और घर में रखे अनाज सहित खाने पीने की चीजों को चौपट कर रहे हैं। कांकेर जिले में घर में भालू घुसने की घटना अब आम बात हो गई है। दहशत के साये में जीवन गुजार रहे ग्रामीणों द्वारा इसकी शिकायत की चा जुकी है लेकिन वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा जंगली जानवरों से ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस उपाय अब तक नहीं कर पाए है। कोड़ेजुंगा में अनुसूईया सोनवानी के घर बाऊंड्रीवाल पारकर टिन का दरवाजा को तोड़कर भालू अंदर घुस गया था। किचन में पहुंच भालू ने डिब्बे में रखा तेल पी लिया, दो पैकेट गुड़ खा गया और शक्कर खा गया। बोतल में भरा शहद भी पी गया, इसके बाद बाड़ी में घूमता रहा। परिवार के सदस्य दूसरे कमरे में थे तथा अंदर से दरवाजा बंद कर लिया था।
पहले तो परिजनों ने सोचा भालू खा पीकर लौट जाएगा, लेकिन भालू पूरी रात तक हंगामा करता रहा। भालू के घर में घुसने से परिवार ने डर के साए में रात गुजारी, रातभर सोनवानी परिवार सो नहीं पाया। भालू ने ने दूसरे कमरे का दरवाजा भी तोड़ने प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो पाया। परिवार के लोगों ने रात में ही वन विभाग कर्मचारी को फोन किया लेकिन मोबाईल नहीं उठाया वहीं 16 दिसंबर की सुबह 5 बजकर 45 बजे फोन वन विभाग के अमले ने उठाया। वन रक्षक चेतन पवार मौके पर सबसे पहले पहुंचे, जिसकी आहट से भालू बाऊंड्रीवाल कूदकर भाग गया।