0 आचार संहिता में भी किसी ने नहीं दिया ध्यान
रायपुर। छत्तीसगढ़ में परिवर्तन का दौर चल निकला है। कांग्रेस के बाद अब यहां भाजपा की सरकार बनने जा रही है। इस बीच खाद्य विभाग में एक ऐसा मामला सामने आया है, जो बहुत जल्द गर्म होने वाला है। लोगों को सस्ते दर पर मिलने वाले राशन के लिए छपे राशन कार्ड को लेकर अब प्रदेश में विवाद छिड़ सकता है, दरअसल इसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की तस्वीर छपी है। आश्चर्य की बात यह है कि आचार संहिता के दौरान किसी की भी नजर इस पर नहीं पड़ी, और यह मुद्दा प्रकाश में ही नहीं आया।
पहचान बदलने की रही है परंपरा
राज्य अथवा केंद्र में जब कभी सरकारें बदलती हैं, तो नई सरकार अपनी पहचान स्थापित करने के लिए कुछ बदलाव करती हैं। 2018 में चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस सरकार ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा लागू कई चीजों को बदल दिया। पहले राशन कार्ड में किसी नेता की तस्वीर नहीं होती थी। मगर 2018 में जब कांग्रेस सरकार ने नए सिरे से राशन कार्डों की छपाई की, तब इसके कवर पेज पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की तस्वीर छापी गई। हर राशन कार्ड में दोनों की तस्वीर है। अब सरकार बदल चुकी है और जल्द ही मंत्रिमंडल का गठन होगा।
आचार संहिता में नहीं गया ध्यान
विस चुनाव के पूर्व आचार संहिता के दौरान नेताओं के होर्डिंग, दीवारों पर लिखे नाम, पम्पलेट आदि को हटाया गया था। लेकिन राशन कार्ड पर किसी का ध्यान नहीं गया। नेताओं की तस्वीर वाले राशन कार्ड भी तो आचार संहिता के दायरे में आते हैं, संभवतः ये राशन कार्ड हितग्राहियों के पास होने के चलते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, क्योंकि चाहकर भी इतनी बड़ी संख्या में राशनकार्डों से तस्वीरों को तत्काल विलोपित नहीं किया जा सकता था। अब भाजपा सरकार इस राशन कार्ड में बदलाव जरूर करेगी।
इस राशन कार्ड में छग शासन के “लोगों” के साथ छग खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम 2012 अंकित है। मंत्रिमंडल गठन के बाद अब राशन कार्ड को लेकर भी उठापटक होगी। अब कांग्रेस सरकार ही नहीं रही, इसलिए जल्द ही इसमें भी बदलाव होगा।