कांकेर। प्रदेश में सहकारी समितियों के माध्यम से धान खरीदी 1 नवंबर से शुरू है। बीते तीन चार दिनों मौसम में आए बदलाव के कारण प्रदेश के कई जिलों में हल्की एवं मध्यम बारिश हुई है। बारिश का असर बस्तर संभाग के कई जिलो में देखने को मिला वहीं कांकेर जिले में धान खरीदी केंद्रों में रखे गए धान के भीगने की खबर आई है। खरीदी केंद्रों में पानी भर गया है जिसके सूखने का अंतजार किया जा रहा है। पहले से खरीदे गए धान का उठाव भी नहीं हो पाया है। जिसके चलते धान रखने की जगह के अभाव में किसान धान बेचने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं।
कांकेर के नक्सल प्रभावित पीढ़ापाल इलाके में 13 गांव के लगभग 540 किसान पंजीकृत हैं. जिनमें से अब तक 133 किसान ही अपनी उपज बेच पाए है। अभी भी 407 किसान धान बेचने से वंचित हैं. खरीदी का लक्ष्य 23 हजार क्विंटल रखा गया है. लेकिन इस खरीदी केंद्र में केवल 6 हजार क्विंटल ही धान की खरीदी हो पाई है. अब धान रखने की जगह भी नहीं बची है। अगर यही स्थिति रही और धान का उठाव नहीं हुआ तो बहुत से किसान अपनी मेहनत की उपज बेचने से वंचित रह जाएंगे।