सक्ती ! मृतिका प्रियंका साहू निवासी परसदाकला एवं आरोपी हरिओम राठौर निवासी खूंटादहरा द्वारा धारदार हाथियार से हत्या कर दी गई। दिनांक 25.11.2023 के सुबह करीब 11.00 बजे से 12.00 बजे के बीच प्रियंका साहू पिता बुधराम साहू उम्र 20 वर्ष निवासी परसदाकला थाना बाराद्वार की अपने घर पर अकेली थी परिजन सभी बाहर गये थे कि आरोपी हरिओम राठौर निवासी खूटादहरा का प्रियंका साहू के घर आया था।
आरोपी हरिओम राठौर द्वारा बताया गया कि उसके और प्रियंका साहू दोनो के मध्य विवाह की बात को लेकर लड़ाई झगड़ा हो गया था जिससे अरोपी हरिओम राठौर आवेशित होकर मृतिका के घर रसोई में रखे सब्जी काटनें के परसुल से मृतिका प्रियंका साहू जब अपने कमरे में बिस्तर पर बैठी थी तभी पास जाकर उसके गले में परसुल से प्राणसंघातक वार कर दिया, जिससे प्रियंका साहू की मौके पर ही मृत्यु हो गई।
आरोपी घटना कारित कर घटना में प्रयुक्त परसुल को मृतिका के घर के पीछे फेंक कर मौके से फरार हो गया। जिसे जाते हुये गांव की तेरसबाई व पास में खेल रहे लड़के लोग देखे थे कि 112 इवेंट की सूचना थाना बाराद्वार को प्राप्त होने पर घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को देकर पुलिस अधीक्षक एम.आर.आहिरे अति. पुलिस अधीक्षक गायत्री सिह के दिशानिर्देश एवं उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय अंजली गुप्ता के कुशल मार्गदर्शन एवं आरोपियो की त्वरित गिरफ्तारी के निर्देश मिलने पर मौके पर सदलबल घटना स्थल परसदाकला पहूंचकर देहाती नालसी में आरोपी के विरूद्ध धारा 302 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध कर घटना स्थल से आरोपी के पता साजी हेतु टीम लेकर मुखबीर सूचना के आधार पर दीगर जिला भाग रहे आरोपी हरिओम राठौर को त्वरित गिरफ्तार कर अभिरक्षा में लिया गया।
आरोपी हरिओम राठौर से कड़ाई से पुछताछ करने पर मृतिका प्रियंका साहू से विवाह की बात पर लड़ाई झगड़ा होकर गुस्से में आकर घर में रखे परसुल से मृतिका के गले में वारकर हत्या करना एवं घटना में प्रयुक्त परसुल को छत के उपर से फेंकना अपने मेंमोरंण्डम कथन में स्वीकार करने पर आरोपी के विरूद्ध अपराध सबुत पाये जानें से दिनांक 25.11.23 के 20.50 बजे गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांण्ड पर भेजा गया है।
हत्या जैसे गंभीर प्रकरण में आरोपी को 24 घण्टे के अंदर अभिरक्षा में लेकर न्यायालय पेश किया गया है। उक्त कार्यवाही मे निरीक्षक गगन बाजपेयी थाना प्रभारी बाराद्वार, सउनि यशवंत राठौर, प्र.आर. सुरेन्द्र खांण्डेकर, आर. अलेकलियुस मिंज, फारूख खान, कुंजबिहारी चन्द्रा, दिलीप सिदार एवं म.आर. सरिता हरवंश का सराहनीय योगदान रहा।