नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मामले में ED की कार्रवाई से एक बार फिर से भाजपा-कांग्रेस के बीच सियासी तलवारें खींच सकती है। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने यांग इंडियन की 752 करोड़ की सम्पतियों को जब्त कर लिया है। गौरतलब है कि इस कंपनी में कथित तौर पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व मौजूदा सांसद राहुल गांधी की करीब 76 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। अटैच की गई संपत्तियों में दिल्ली और मुंबई में नेशनल हेराल्ड हाउस और लखनऊ में नेहरू भवन शामिल हैं। केंद्रीय एजेंसी नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है।
ED की इस कार्रवाई से कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया दी है। प्रवर्तन निदेशालय की इस कार्रवाई पर कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के आदेश के तहत ईडी की कार्रवाई, अवैध कार्रवाई है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के लोग पीएम मोदी को करारा जवाब देंगे।”
नेशनल हेराल्ड केस को सामने लेन में बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी की भूमिका थी। उन्होंने साल 2012 में इस मुद्दे को उठाया था। केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद ईडी ने अगस्त 2014 में इस मामले में स्वत: संज्ञान में लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। इस एफआईआर में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष मोतीलाल बोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को आरोपी बनाया गया था।
नेशनल हेराल्ड अखबार को पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1938 में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के साथ मिलकर किया था। आजादी के बाद यह अखबार कांग्रेस का मुखपत्र बन गया। हालांकि, कांग्रेस से लोन मिलने के बाद भी एसोसिएटेड जर्नल ऑफ इंडिया नामक कंपनी ने नेशनल हेराल्ड का अंग्रेजी प्रकाशन बंद कर दिया।
यह प्रकाशन 2008 में बंद कर दिया गया था। 2010 में यंग इंडियन लिमिटेड ने इस अखबार का अधिग्रहण एसोसिएटेड जर्नल से कर लिया। बताया जा रहा कि यंग इंडियन में सोनिया गांधी और राहुल गांधी का 76 प्रतिशत शेयर है।