रायपुर। छत्तीसगढ़ में दोनों चरण के विधानसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। वहीं अब जनता को 3 दिसंबर को मतों की गिनती होगी। मतगणना से पहले चुनाव ड्यूटी से नाम हटवाने वाले 22 हजार कर्मचारियों के मतदान न करने को लेकर पूर्व सीएम रमन सिंह ने सवाल उठाए हैं। मिली जानकारी के अनुसार मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा कंगाले ने कहा, जब कर्मचारियों ने मतदान से अपनी ड्यूटी हटवा ली, तो उनके वोट का सवाल ही नहीं उठता। वहीं रमन ने मुख्य – निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ को टैग कर ट्विट किया है और इसे निर्वाचन प्रक्रिया में चूक बताया है। उन्होंने लिखा मतदान ड्यूटी में शामिल होने के बाद नाम हटवाने वाले कई कर्मचारी मतदान नहीं कर पाए हैं। इन अधिकारी- कर्मचारियों के लोकतंत्र की रक्षा के लिए मतदान पर फैसला लेने का न निवेदन करता हूं। आयोग के अधिकारी ने जिला निर्वाचन अधिकारियों से चर्चा कर बताया कि पहले चरण में 17 हजार से ज्यादा डाक मत जमा हुए।
बता दें कि इस दौरान छत्तीसगढ़ की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा कंगाले ने कहा कि, जिन कर्मचारियों की चुनाव में ड्यूटी लगी थी, उन्होंने डाक मत पत्र के लिए आवेदन किया था। जब चुनाव ड्यूटी से उनका नाम हट गया, तो वह पोस्टल बैलेट हमारे पर रखा रहा। उनके वोट का सवाल ही नहीं उठता। जब मतदान नहीं किया, तो ऐसे डाक मतपत्र जमा करने का सवाल ही नहीं उठता।
वहीं दूसरे चरण के मतदान के दौरान 18 हजार 833 मतदान केंद्र बने थे। इस चरण में 90 हजार 272 अधिकारी- कर्मचारी चयनित किए गए थे। इनमें से 75 हजार 332 की ड्यूटी लगी थी। 14 हजार अधिकारी-कर्मचारियों को रिजर्व में रखा गया। इनमें से तय समय तक 71 हजार 427 लोगों ने डाक मत पत्र जमा किया है।
छत्तीसगढ़ में आयोग से मिले आंकड़ों के मुताबिक, पहले चरण के चुनाव में 5300 मतदान केंद्र बनाए गए थे। इन मतदान केंद्रों में 25 हजार 420 अधिकारी-कर्मचारियों को ड्यूटी करने के लिए चयनित किया गया था। इनमें से 21 हजार 216 अधिकारी- कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई। 4 हजार 204 लोगों को रिजर्व में रखा गया था। पहले चरण में 17 हजार 234 अधिकारी-कर्मचारियों ने डाक मत पत्र समय पर जमा किया।