Biometric Method : छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर से धान खरीदी चालू हो गई है ।धान खरीदी के 20 दिन बाद आज 20 नवंबर को प्रदेश से पहली बार बायोमेट्रिक की प्रक्रिया से धान खरीदी अनिवार्य कर दी गई है । बायोमेट्रिक मशीन में आंख और अंगूठे लगाकर धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन होगा ।
अब किसान सोसाइटी में सीधे-सीधे धान नहीं बेच सकेंगे ।छत्तीसगढ़ में धान बेचने के लिए बायोमेट्रिक तकनीक की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा।आज धान खरीदी केंद्र में पहली बार किसान बायोमेट्रिक में अंगूठा लगाते देखे गए हालांकि सोसाइटी मैनेजर का कहना है बायोमेट्रिक सिस्टम लागू नहीं हुआ था तब के धान बेचना ज्यादा सरल था
लेकिन सरकार के अनिवार्य करने के बाद अब हर किसान को बायोमेट्रिक की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा।राजनांदगांव की ढाबा धान खरीदी केंद्र अभी तक 6618 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है आज के बाद जो भी धान खरीदी होगी वह बायोमेट्रिक के तकनीक के माध्यम से होगी। एक पक्ष और है बायोमेट्रिक तकनीक में धान खरीदी के समय अगर नेटवर्क फेल रहा तो किसानों को धान बेचने में असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही साथ धान बेचने में अधिक समय लग सकता है