Amla Navmi 2023 : कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को आंवला नवमी का पर्व मनाया जाता है. इसको अक्षय नवमी भी कहते हैं. मान्यता है कि इस दिन से ही त्रेता और द्वापर युग की शुरुआत हुई थी. अक्षय नवमी के दिन कुछ आसान से उपायों को करने से भगवान शिव और विष्णु का आशीर्वाद मिलता है. इस दिन आंवले के पेड़ का पूजन किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन से पूर्णिमा तक भगवान श्रीहरि विष्णु आंवले के पेड़ में निवास करते हैं. इस दिन कुछ आसान से उपायों को करने से धन धान्य की कमी नहीं होती है और आरोग्य का फल प्राप्त होता है.
इस दिन है अक्षय नवमी
साल 2023 में आंवला या अक्षय नवमी 21 नवंबर को पड़ रही है. इस दिन आंवले के पेड़ का पूजन किया जाता है. इस दिन पूजन से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं.
आंवले का पौधा रोपें
इस दिन घर की उत्तर दिशा में आंवले का पौधा लगाना काफी शुभ माना जाता है. अगर उत्तर दिशा में पौधा लगाना संभव न हो तो आप पूर्व दिशा में भी आंवले का पौधा रोप सकते हैं. इससे घर में सकारात्मकता आती है.
माता लक्ष्मी होंगी प्रसन्न
अक्षय नवमी पर माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए पांच कुंवारी कन्याओं को केसर युक्त खीर खिलाएं. इसके साथ ही कन्याओं को पीले या लाल रंग के वस्त्र देकर विदा करें. इसके बाद इस खीर को घर में सबसे बड़ी महिला को खिलाएं. इसके बाद पूरे घर को इस खीर को खाना चाहिए. ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है.
भगवान विष्णु को लगाएं आंवले का प्रसाद
आंवला नवमी के दिन भगवान विष्णु को आंवले का प्रसाद लगाना चाहिए. इसके साथ ही इस दिन आंवले का दान भी शुभ फल देता है. कोशिश करें कि इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे ब्रह्माण व जरूरतमंदों को भोजन कराएं और पूरे परिवार के साथ आंवले का सेवन करें. ऐसा करने से घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है.
ऐसा करने से आती है सुख और समृद्धि
ज्योतिष के अनुसार इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करें. इसके साथ ही इस दिन पूर्व की ओर मुख करके आंवले के वृक्ष की जड़ को ओम धात्र्ये नमः मंत्र का जाप करते हुए दूध और जल से सींचें. इसके बाद वृक्ष पर हल्दी से स्वास्तिक बनाएं और विधि-विधान से पूजन करें. ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
पापों का होता है नाश
आंवले को माता के समान पोषण करने वाला माना गया है. इस दिन उपवास रखकर आंवला खाने सा आरोग्य की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही सभी पापों का नाश होता है. इस दिन पितरों का ध्यान करते हुए ऊनी वस्त्र व कंबल का दान करना चाहिए. इस दिन आप सोने चांदी की खरीदारी भी कर सकते हैं.