रायपुर।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं। राष्ट्रपति मुर्मू छत्तीसगढ़ विधानसभा में आयोजित रजत जयंती कार्यक्रम में शामिल हुईं। विधानसभा पहुंचने पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विधानसभा परिसर में कदम्ब का पौधरोपण किया। इस मौके पर राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह मौजूद थे। उन्होंने विधायकों के साथ फोटो भी खिंचाई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू छत्तीसगढ़ विधानसभा में आयोजित रजत जयंती कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सभी अभिवादन जय जोहार के साथ किया। उन्होंने छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया कहते हुए सभी को रजत जंयती वर्ष की गाड़ा-गाड़ा बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस विधानसभा में आकर ये मान्यता और भी मजबूत हो जाती है कि छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया।
मूर्मू ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में 25 वर्षों में कभी भी मार्शल का उपयोग नहीं हुआ है। छत्तीसगढ़ विधानसभा ने श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत किया हैं। इस सदन में 19 महिलाएं भी है। महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से भी ज्यादा है। छत्तीसगढ़ विस को मातृशक्ति का रूप कह सकते है। सभी महिला विधायक महिलाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करें। श्रेष्ठ छत्तीसगढ़ का निर्माण करना है।छग विस ने समावेशी कल्याण के लिए अनेक विधेयक पारित किए। अंधविश्वास से मुक्ति दिलाने अहम विधेयक लाया गया। छत्तीसगढ़ में विकास की असीम संभावनाएं विद्यमान हैं। यहां के लोक संस्कृति की पूरे देश में सराहना होती है। इंद्रावती, शिवनाथ, महानदी का आशीर्वाद प्राप्त है। छत्तीसगढ़ आधुनिक विकास की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ से मुझे काफी लगाव है। हम भी रायपुर को अपना ओडिशा का हिस्सा मानते हैं। परिसीमन की सीमा है, लेकिन दिल का कोई दीवार नहीं है। जगन्नाथ जी पूरे विश्व के हैं।
लोकतंत्र की जड़ें भारत में वैदिक काल से मजबूत : विष्णु देव साय
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रपति के आगमन पर कृतज्ञता ज्ञापन करते हुए कहा कि हम छत्तीसगढ़ विधानसभा का रजत जयंती दिवस मना रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने छत्तीसगढ़ का निर्माण किया था। लोकतंत्र की जड़ें भारत में वैदिक काल से मजबूत रही है। विधानसभा के सदस्य सत्र के लिए बहुत मेहनत करते हैं। एक अच्छे वातावरण में सदन का काम बेहतर चल रहा है। हाल में विधानसभा सदस्यों के लिए आइआइएम रायपुर पब्लिक लीडरशिप प्रोग्राम आयोजित किया गया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि सीखने की प्रक्रिया चलते रहने चाहिए। सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। आज राष्ट्रपति महोदय को हम सुनेंगे। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति का स्वागत किया।