IRCTC Tatkal Tiket Rules: नई दिल्ली. रेलवे में टिकट बुक करवाते वक्त सबको कन्फर्म टिकट चाहिए होता है। लेकिन अकसर हमें वेटिंग टिकट मिलता है तो इससे बचने के लिए हम सब तत्काल टिकट लेते हैं। तत्काल टिकट से यात्रियों को कन्फर्म टिकट मिलने की संभावना होती है।
रेलवे के इस नियम से कई यात्रियों को फायदा होता है। लेकिन क्या आपको पता है कि अगर आप तत्काल टिकट करवाएं और कन्फर्म टिकट की जगह आपको तत्काल में भी वेटिंग टिकट मिल जाए और ये टिकट कंफर्म न हो तो क्या आपको पैसा वापस मिलेगा? या फिर इस पर कितना चार्ज कटता है एक-एक कर सब कुछ जानते हैं।
क्या होता है तत्काल टिकट?
तत्काल टिकट भारतीय रेलवे द्वारा स्थापित एक टिकटिंग प्रोसेस है जिसे लोग तब ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जब लोगों को कम समय में यात्रा की बुकिंग करना होता है। भारतीय रेलवे ने इसे भारत की लगभग सभी ट्रेनों में सभी प्रकार की आरक्षित श्रेणियों में पेश किया। इसे 1997 में उस वक्त रेल मंत्री रहे नीतीश कुमार ने पेश किया था।
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वर्तमान में नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं। आपको बता दें कि तत्काल टिकट की बुकिंग ऑनलाइन और ऑफलाइन की जा सकती है। एसी क्लास के लिए तत्काल टिकट बुकिंग का समय 10 बजे से शुरू होता है तो वहीं स्लीपर क्लास के लिए बुकिंग 11 बजे से शुरू होती है। तत्काल टिकट की बुकिंग ट्रेन के समय से 24 घंटे पहले की जाती है।
क्या है तत्काल वेटिंग टिकट के नियम?
तत्काल टिकट में जो सबसे ज्यादा परेशानी आती है वो है समय का अगर आपको टिकट बुक करने में देरी होती है तो आपको तत्काल में भी वेटिंग टिकट मिलता है। यात्री के तौर पर आप इस टिकट पर यात्रा करते के पात्र नहीं है। रेलवे के द्वारा इस टिकट को अपने आप कैंसल कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि टिकट कैंसल होने के 3 से 4 दिन के भीतर आपका पैसा आपके अकाउंट में आता है। हालांकि, रेलवे इसके बदले आपसे बुकिंग चार्ज काटता है भले ही आपकी टिकट कंफर्म हो या वेटिंग में हो।
कितना कटता है चार्ज?
आपका कितना पैसा कटेगा यह आपके टिकट पर निर्भर करता है कि वो किस क्लास का टिकट है। एसी क्लास की टिकट पर 100 से 150 रुपये काटे जाते हैं।
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