बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़ – राज्य सरकार की नई आबकारी नीति 1 अप्रैल से पूरे प्रदेश में लागू होने जा रही है। इस नीति के तहत छत्तीसगढ़ में 67 नई शराब दुकानें खोली जाएंगी, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि अकेले बलौदाबाजार जिले में 21 शराब दुकानों को खोलने का प्रस्ताव है। इस फैसले पर विपक्षी दल कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है और भाजपा सरकार को घेरते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
भाजपा पर कांग्रेस का हमला
बलौदाबाजार जिला कांग्रेस अध्यक्ष हितेन्द्र ठाकुर, ब्लॉक ग्रामीण अध्यक्ष विक्रम गिरी और शहर अध्यक्ष रुपेश ठाकुर ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि यह फैसला वापस नहीं लिया गया, तो जिला स्तर पर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने सरकार पर समाज में अराजकता और नशे को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब भाजपा शराबबंदी की मांग कर रही थी, लेकिन अब सत्ता में आने के बाद शराब दुकानों की संख्या बढ़ा रही है।
शराबबंदी पर सवाल
पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता में शराबबंदी के लिए एक समिति बनाई गई थी, जिसका उद्देश्य विभिन्न राज्यों की नीतियों का अध्ययन करके छत्तीसगढ़ में इसे लागू करना था। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार इस दिशा में आगे बढ़ने के बजाय शराब की उपलब्धता को और बढ़ा रही है, जिससे समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
कांग्रेस ने दी आंदोलन की चेतावनी
कांग्रेस ने राज्य सरकार से नई शराब दुकानों को खोलने के प्रस्ताव को रद्द करने की मांग की है। यदि सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती, तो कांग्रेस धरना-प्रदर्शन करेगी और जनता के बीच जाकर इस मुद्दे को उठाएगी। नेताओं का कहना है कि स्कूल और अस्पताल खोलने की बजाय सरकार शराब दुकानों की संख्या बढ़ा रही है, जिससे समाज पर बुरा असर पड़ेगा।
सरकार की नई नीति पर अब राजनीतिक घमासान तेज हो गया है, और देखना होगा कि क्या सरकार इस मुद्दे पर अपने फैसले पर पुनर्विचार करती है या कांग्रेस अपने आंदोलन को आगे बढ़ाएगी।