सरकार की तरफ से जल्द ही बजट पेश किया जाएगा. 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से पेश किये जाने वाले बजट को लेकर टैक्स पेयर्स और नॉन टैक्स पेयर्स दोनों ही काफी उम्मीदें लगाकर बैठे हैं. बजट से पहले चर्चा हो रही है कि यदि आप बैंक में एफडी करते हैं तो उस पर लगने वाला टैक्स कम या शायद नहीं लगेगा. अभी तक एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगाया जाता है. लेकिन बैंकों की तरफ से मांग की जा रही है कि एफडी पर लगने वाले टैक्स को हटा दिया जाना चाहिए. बैंकों का कहना है कि यदि सरकार टैक्स हटाने का फैसला करती है तो इससे बैंक जमा को प्रोत्साहन मिलेगा.
FD पर टैक्स इन्सेंटिव देने की मांग
अगर वित्त मंत्री की तरफ से यह ऐलान किया जाता है तो इससे उन लोगों को बहुत फायदा होगा जो बैंक में पैसा जमा करके उस पर मिलने वाले ब्याज से अपनी जरूरतें पूरी करते हैं. न्यूज 18 अंग्रेजी पर प्रकाशित खबर में दावा किया गया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट से पहले हुई मीटिंग में वित्तीय संस्थानों, विशेषकर बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर टैक्स इन्सेंटिव देने की मांग की है. उनका तर्क है कि इससे बचत में इजाफा हो सकेगा. बैंकों की तरफ ये यह सुझाव हाल ही में सेविंग में आई कमी के चलते आया है. यही कारण है कि बैंकों को लोन देने के लिए पैसे की कमी का सामना करना पड़ रहा है.
शेयर बाजार में पैसा लगाने पर कम टैक्स
खबरों के अनुसार एडलवाइस म्यूचुअल फंड की एमडी और सीईओ राधिका गुप्ता ने वित्त मंत्री के साथ बजट से पहले हुई मीटिंग में कैपिटल मार्केट की दक्षता और समावेशिता में सुधार के लिए सजेशन दिये थे. उन्होंने कहा कि बॉन्ड और इक्विटी शेयरों में लॉन्ग टर्म की बचत को बढ़ावा देने के लिए सिफारिशें की गई थीं. खबरों के अनुसार इस मीटिंग में वित्त सचिव, निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) सचिव, आर्थिक मामलों का विभाग और वित्तीय सेवा सचिव, और मुख्य आर्थिक सलाहकार भी शामिल हुए थे. बैंकों ने सरकार से कहा है कि अगर आप बैंक में पैसा जमा करते हैं तो उस पर लगने वाला टैक्स कम होना चाहिए क्योंकि शेयर बाजार में पैसा लगाने पर कम टैक्स लगता है. यह सुझाव इसलिए दिया गया ताकि ताकि लोग बैंक में ज्यादा से ज्यादा पैसा जमा करें.
कैसे होगा फायदेमंद?
यदि किसी शख्स के पास 10 लाख रुपये की एफडी (FD) है और उस पर सालाना 8 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है तो उसे पांच साल में कुल चार लाख रुपये का ब्याज मिलेगा. मान लीजिए कि यदि व 30 प्रतिशत की इनकम टैक्स कैटेगरी में आता है तो 40,000 रुपये तक एफडी के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता है. इस लिमिट से ज्यादा की राशि पर कर इस स्लैब दर के अनुसार देना होगा. मौजूदा नियम के हिसाब से देखें तो उसे 3.60 लाख रुपये पर 30% टैक्स देना होगा, जो कि 1.08 लाख रुपये हुआ. लेकिन, यदि शेयर बाजार में पैसा लगाने पर लगने वाला टैक्स (LTCG) यहां लागू होता है तो उन्हें महज 12.5% टैक्स देना पड़ता, यानी कुल 45,000 रुपये. इस तरह, उन्हें करीब 63,000 रुपये का फायदा होता है.
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