ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति की कुंडली में कुल नौ ग्रह होते हैं. जिनका सभी राशियों पर अच्छा और बुरा प्रभाव पड़ता है. कुंडली में राहु, केतु और शनि ग्रह को क्रूर ग्रह बताया गया है. जब इन ग्रहों की महादशा चलती है, तो व्यक्ति का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है. इन तीनों ग्रहों की महादशा चलने पर जीवन में धन का अभाव, शारीरिक समस्याएं, आर्थिक तंगी जैसी बहुत सी समस्याएं आती हैं, जिनसे व्यक्ति परेशान हो जाता है. शनिदेव कुंडली में एक ऐसे ग्रह होते हैं, जिन्हें साढ़ेसाती, ढैया और महादशा का अधिकार प्राप्त है.
शनि की साढ़ेसाती, ढैया और महादशा का प्रभाव सभी 12 राशियों पर होता है. शनि ग्रह एक राशि पर 30 साल बाद आते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिदेव क्रूर ग्रह हैं तो वही धन प्राप्ति के लिए सबसे खास ग्रह भी बताए गए हैं. यदि शनि ग्रह से आप अपनी कुंडली में सकारात्मक फल चाहते हैं तो ज्योतिष शास्त्र में बताए गए आसान उपाय को करने से जीवन में कभी धन की कमी नहीं रहती है. आकस्मिक धन प्राप्ति के लिए शनिदेव सबसे उत्तम ग्रह हैं.
कि शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शास्त्रों में बहुत से ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिनको विधि अनुसार करने पर शनि देव शुभ फल प्रदान करते हैं. शनिदेव न्याय के देवता हैं, जो जातकों को उनके कर्मों के आधार पर फल देते हैं. अचानक से धनवान बनने के लिए शनि देव के निमित्त उपाय करने से शनि ग्रह का प्रभाव सबसे जल्दी होता है. जिससे धन प्राप्ति के प्रबल योग बनते हैं. पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि शनिवार को शनि के मंत्रों का जाप घर पर देवालय में करने से अनोखे लाभ होते हैं.
शनि ग्रह बीज मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
वैदिक मंत्र- ऊँ शन्नोदेवीर भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः
शनि एकाक्षरी मंत्र- ऊँ शं शनैश्चाराय नमः
शनि गायत्री मंत्र- ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे, मृत्युरूपाय धीमहि तन्नः सौरिः प्रचोदयात् ।
शनि स्तोत्र- ॐ नीलांजन समाभासं रवि पुत्रं यमाग्रजम । छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम
शनि पीड़ाहर स्तोत्र- सुर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालाक्ष: शिवप्रिय: । दीर्घचार: प्रसन्नात्मा पीडां हरतु मे शनि: । तन्नो मंद: प्रचोदयात
शनि चालीसा, शनि यंत्र की पूजा, कुत्ते को भरपेट खाना खिलाने, शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दिया जलाने और भगवान शिव के स्तोत्र का पाठ करने से शनिदेव प्रसन्न होकर खाली पड़े धन के भंडार भर देते हैं. भगवान शिव के शिव तांडव, रुद्राष्टक, शिव पंचाक्षर, शिव महिम्न आदि स्तोत्र का पाठ करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं.
कि इतना करने के साथ शनिदेव के निमित्त दान करने का भी बहुत अधिक महत्व होता है. शनिवार के दिन किसी गरीब, जरूरतमंद और असहाय व्यक्ति को काले तिल, काली उड़द की दाल, काले या नीले रंग के कपड़े, काले या नीले रंग के कंबल देने से लाभ होता हैं और यदि कोई एक आंख वाला भिखारी सोता हुए मिल जाए तो उसके ऊपर कंबल बिना बताए डालने पर शनिदेव प्रसन्न होकर धन के सभी भंडार भर देते हैं. इन सभी उपाय को करने से शनि देव जातकों पर अपनी विशेष कृपा बनाए रखते हैं. इन उपाय को करने से गड़ा हुआ धन, उधार दिया पैसा आदि सभी धन प्राप्ति के सभी मार्ग खुल जाते हैं.
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