मुजफ्फरपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ मुजफरपुर कोर्ट में एक परिवाद दर्ज किया गया है। यह मामला वरिष्ठ कांग्रेस नेता खरगे द्वारा कुंभ स्नान को लेकर मध्य प्रदेश में दिए गए एक कथित विवादित बयान से जुड़ा है।
यह परिवाद स्थानीय अधिवक्ता सुधीर ओझा द्वारा दर्ज कराया गया है। अधिवक्ता ओझा ने खरगे पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है। वादी सुधीर ओझा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने राजनैतिक लाभ के लिए सनातनी हिन्दुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। परिवाद में कहा गया है कि मल्लिकार्जुन खरगे के बयान से हिंदू धर्मावलंबियों की आस्था को ठेस पहुंची है। इस मामले की सुनवाई मुजफ्फरपुर कोर्ट में चल रही है। अदालत ने अगली सुनवाई की तिथि 3 फरवरी 2025 निर्धारित की है।
मामले का कानूनी पहलू
अधिवक्ता सुधीर ओझा का दावा है कि खरगे के बयान ने न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत किया है, बल्कि समाज में धार्मिक असंतुलन पैदा करने का प्रयास भी किया है। अदालत में दर्ज परिवाद में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं का उल्लेख किया गया है, जिनमें धार्मिक भावनाएं आहत करने और सार्वजनिक शांति भंग करने के आरोप शामिल हैं।
खरगे की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब तक मल्लिकार्जुन खरगे या कांग्रेस पार्टी की ओर से इस परिवाद पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। मामले पर सभी की नजरें अदालत की आगामी सुनवाई पर टिकी हैं।
विवादित बयान बना मामला
दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या गंगा में स्नान करने से गरीबी खत्म हो जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता कैमरों के लिए डुबकी लगाने की होड़ में जुटे हैं। महू में ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ रैली को संबोधित करते हुए खरगे ने कहा कि भाजपा नेता तब तक डुबकी लगाते हैं जब तक यह कैमरों में अच्छा दिखे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी की आस्था पर सवाल नहीं उठा रहे हैं और अगर उनके बयान से किसी को ठेस पहुंची हो, तो वह माफी मांगते हैं।
खरगे ने कहा कि मोदी के झूठे वादों के झांसे में न आएं। क्या गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी खत्म होती है? क्या इससे आपका पेट भरता है? मैं किसी की आस्था पर सवाल नहीं उठाना चाहता। अगर किसी को बुरा लगा हो, तो मैं माफी मांगता हूं। उन्होंने आगे कहा कि जब बच्चे भूख से मर रहे हैं, स्कूल नहीं जा रहे हैं, मजदूरों को उनकी मजदूरी नहीं मिल रही है, तब ये लोग हजारों रुपये खर्च कर गंगा में डुबकी लगाने की प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
गौरतलब है कि खरगे के इस बयान से पहले, अमित शाह ने प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई। उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अलग समय पर गंगा में स्नान किया। शाह ने शीर्ष संतों के साथ संगम क्षेत्र में एक विशेष बैठक भी की।
‘गरीबों के नाम पर धर्म का इस्तेमाल करना गलत’
खरगे ने कहा कि उनकी भी आस्था भगवान में है, लेकिन गरीबों के नाम पर धर्म का इस्तेमाल करना गलत है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम धर्म के नाम पर गरीबों का शोषण बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वल्लभभाई पटेल ने आरएसएस को बंद करने का आदेश दिया था, फिर भी उन्होंने जवाहरलाल नेहरू और वल्लभभाई पटेल को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा कर दिया। जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि हमें मिलकर उस भयानक समुदाय को नष्ट करना चाहिए, जिसने हमारे युग के सबसे महान व्यक्ति (महात्मा गांधी) को मार डाला… आरएसएस और भाजपा राष्ट्र विरोधी हैं। खरगे ने ये भी कहा कि आरएसएस-भाजपा देशद्रोही हैं। गरीबी-बेरोजगारी से मुक्ति चाहिए तो संविधान की रक्षा करना होगी। वो (आरएसएस-भाजपा) कहते हैं कि हर मस्जिद के नीचे शिवलिंग मत ढूंढो, लेकिन लोगों को ऐसा करने के लिए उकसाते रहते हैं।
‘राहुल गांधी आपके लिए लड़ रहे’
खरगे ने कहा कि भारतीय संविधान के रचनाकार बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी का जन्म 14 अप्रैल 1891 को इसी महू (अंबेडकर नगर) की इसी धरती पर हुआ था। एक व्यक्ति ने सारे देश में अछूत लोगों को, दलितों को, आदिवासियों को, पिछड़ों को, गरीबों जो उनके हक दिलाने की पूरी कोशिश की थी। एक व्यक्ति जब ये सब कर सकता है, तो आप क्यों नहीं? अगर आप सभी अंबेडकर जी जैसे बनें तो ये भाजपा की सरकार हिल जाएगी, उनका अता-पता नहीं लगेगा। आपके लिए राहुल गांधी लड़ रहें हैं, उन्होंने कन्याकुमारी से कश्मीर तक पदयात्रा की…किन के लिए की? आपके के लिए!