पूरे महाकुम्भ का सबसे महत्वपूर्ण एवं पुण्यदायक पर्व मौनी अमावस्या है। ग्रह राज सूर्य और ग्रह रानी चन्द्रमा का मिलन मकर राशि में अमावस्या के दिन होने से प्राणदायनी उर्जा का सृजन जल में होता है। प्रयागराज, त्रिवेणी संगम के अक्षय क्षेत्र में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के सानिध्य में स्नान, दान, जप, तप न केवल स्वास्थ्यवर्द्धक होता है बल्कि पापों का क्षय कर स्नानकर्ता को मोक्ष का हकदार बनाता है। इस बार महाकुम्भ 2025 मौनी अमावस्या पर विशेष दुर्लभ ग्रह स्थिति का सृजन हो रहा है जिससे त्रिवेणी में डुबकी लगाने से आत्मबल में वृद्धि, बीमारियों से छुटकारा, पापों का क्षय तथा मनोकानाएं पूर्ण होंगीं। मौनी अमावस्या शाही स्नान का मुहूर्त – मौनी अमावस्या 29 जनवरी बुधवार को है, यूं तो अमावस्या तिथि का संचरण मंगलवार रात्रि 7 बजकर 10 से होगा, अमावस्या तिथि, मौनी अमावस्या के दिन यानि 29 तारीख को सायं 6 बजकर 25 मिनट तक है।
उदिया तिथि में अमावस्या बुधवार को होने के कारण मौनी अमावस्या का शाही, राजसीय स्नान बुधवार 29 जनवरी 2025 को सम्पन्न होगा। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र दिन में 8 बजकर 22 मिनट तक है, तदुपरान्त श्रवण नक्षत्र का संचरण होगा। मौनी अमावस्या ग्रह स्थिति – मौनी अमावस्या की पावन बेला पर मकर लग्न में सूर्योदय होगा, ग्रह स्थिति की बात की जाए तो मकर लग्न में सूर्य, चन्द्रमा का मिलन बुध के सानिध्य में हो रहा है। द्वितीय भाव में स्वराशि का शनि, तृतीय पराक्रम भाव में उच्च राशि का शुक्र राहु के साथ रहेगा। पंचम भाव पर वृष राशि का गुरु स्थित है। वृष राशि का गुरु यानि बृहस्पति ग्रह ही बारह साल बाद प्रयागराज में इस दुर्लभ योग का सृजन करता है।
सूर्य, चन्द्रमा का मकर राशि में मिलन ब्रह्माण्ड की उर्जा जल को अमृतमय बनाएगी। षष्ठ भाव में मिथुन राशि का मंगल, नवम भाव पर केतु का प्रभाव है। बारह वर्षों बाद ऐसा शुभ अवसर आया है जब मौनी अमावस्या पर ग्रह नक्षत्र कल्याणकारी भूमिका में हैं जो मानव की हर कामना को पूर्ण करेंगे। मौनी अमावस्या का स्नान-दान इस बार विशेष पुण्यदायक रहेगा। महाकुम्भ में यह दुर्लभ ग्रह स्थिति होने पर मौनी अमावस्या का पुण्य प्रताप कई गुना बढ़ गया है।