Magh Bihu 2025: माघ बिहू, असम राज्य का खास त्योहारों में से एक है. यह फसल कटाई के त्योहार के रूप में मनाया जाता है. इस साल माघ बिहू 15 जनवरी को धूमधाम से मनाया जाएगा. माघ बिहू को भोगाली बिहू के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं और नई फसल की खुशी में उन्हें धन्यवाद देते हैं. पारंपरिक गीत, नृत्य और स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ यह त्योहार असम के लोगों के लिए खास महत्व रखता है
माघ बिहू दो दिनों तक मनाया जाता है और हर दिन के लिए अलग-अलग परंपराएं होती हैं. पहला दिन उरुका नाम से जाना जाता है. इस दिन लोग मिलकर ‘मेजी’ (एक बड़ा अलाव) और ‘भेलाघर’ (घास-फूस के अस्थायी घर) तैयार करते हैं. युवा खेतों से घास लेकर भेलाघर बनाते हैं. रात को परिवार और दोस्त मेजी के पास इकट्ठा होते हैं, ढोल बजाते हैं, बिहू गीत गाते हैं और नई फसल के पकवानों का आनंद लेते हैं. दूसरे दिन खास उत्सव होता है. दूसरे दिन सुबह-सुबह मेजी को जलाया जाता है, जो पुराने को जलाकर नए की शुरुआत का प्रतीक है. लोग अग्नि देव की पूजा करते हैं और हवन करते हैं
तारीख और शुभ मुहूर्त
- भोगाली बिहू की तारीख: 14-15 जनवरी 2025
- संक्रांति तिथि शुरू: 14 जनवरी सुबह 9:03 बजे
- संक्रांति तिथि समाप्त: 15 जनवरी रात 10:11 बजे
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:27 से 6:21 तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 2:16 से 2:58 तक
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:44 से 6:11 तक
माघ बिहू का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माघ बिहू का जिक्र विष्णु पुराण में भी मिलता है. इसे प्राचीन समय में ‘बिस्वा उत्सव’ कहा जाता था. इस दिन अग्नि देव की पूजा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. साथ ही, ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है और फसल का भरपूर लाभ होता है. यह त्योहार घर में समृद्धि और खुशी लाता है.
बिहू में खास क्या है?
माघ बिहू के दौरान तिल-गुड़ के लड्डू, पीठा (चावल और गुड़ से बनी मिठाई) बनाया जाता है. ढोल की थाप पर बिहू नृत्य किया जाता है. इसके साथ परिवार और पड़ोसी मिलकर त्योहार मनाते हैं.