सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को इलाज के लिए अब पैसों की चिंता नहीं करनी पड़ेगी. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें उन्होंने बताया कि सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं में घायलों को कैशलेस इलाज की सुविधा मार्च 2025 तक पूरे देश में मिलनी शुरू हो जाएगी. इस योजना के तहत, किसी भी सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को सात दिनों तक अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिलेगा.
केंद्रीय मंत्री ने इस योजना की जानकारी देते हुए कहा कि यह उपचार हर दुर्घटना में अलग-अलग पीड़ितों के लिए प्रदान किया जाएगा और इसे लागू करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की होगी. इस कदम का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए लोगों को त्वरित और प्रभावी उपचार प्रदान करना है, ताकि उनकी जान बचाई जा सके और उनका इलाज बिना किसी वित्तीय रुकावट के हो सके.
योजना का पायलट प्रोजेक्ट शुरू
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 14 मार्च 2024 को इस योजना का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था, जिसे पहले छह राज्यों में लागू किया गया था. इस पायलट योजना के परिणामों को देखकर अब इसे पूरे देश में लागू करने की योजना बनाई जा रही है. यह योजना मार्च 2025 तक सभी राज्यों में लागू कर दी जाएगी.
योजना का क्या है उद्देश्य?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य दुर्घटना के समय घायल व्यक्तियों को तत्काल इलाज उपलब्ध कराना है, ताकि उनका इलाज बिना किसी देरी के शुरू हो सके. पहले, कई बार सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्ति इलाज के खर्च का सामना करने में असमर्थ रहते थे, जिससे उनकी स्थिति गंभीर हो जाती थी. इस नई योजना से इलाज की प्रक्रिया तेज होगी और घायलों को बिना किसी वित्तीय चिंता के उपचार मिल सकेगा.
इसके अलावा, नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि अगले संसद सत्र में मोटर वाहन संशोधन कानून पेश किया जाएगा, जिसके तहत सड़क सुरक्षा से संबंधित नए नियम और प्रावधान लागू किए जाएंगे. इससे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है. इस योजना के लागू होने से देशभर में सड़क दुर्घटनाओं के शिकार लोगों को राहत मिलेगी और उन्हें इलाज में आने वाली वित्तीय रुकावटों से निजात मिलेगी. यह कदम न केवल घायलों के लिए एक वरदान साबित होगा, बल्कि सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाने में भी सहायक होगा.