हिंदू धर्म में दीपावली पर्व का एक विशेष महत्व है। यह पर्व पांच दिनों तक मनाया जाता है। पंच दिवसीय दीपावली के इस त्यौहार में कई पर्व मनाए जाते हैं। इस बार दीपावली और उसके अंतर्गत आने वाले सभी त्यौहारों के बारे में और उनसे जुड़ी तारीखों के बारे में आज आपको बताने जा रहे हैं।
10 नवंबर 2023 – धनतेरस, दिन शुक्रवार
11 नवंबर 2023 – छोटी दीपावली और नरक चतुर्दशी, दिन शनिवार
12 नवंबर 2023 – दीपावली और लक्ष्मी पूजा, दिन रविवार
14 नवंबर 2023 – गोवर्धन पूजा और भाई दूज, दिन मंगलवार
धनतेरस
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष कि त्रयोदशी तिथि के दिन धनतेरस का पर्व पड़ता है। इस बार धनतेरस 10 नवंबर 2023 दिन शुक्रवार को है। इस दिन भगवान धनवंतरी प्रकट हुए थे। धनतेरस की त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर 2023 को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से शुरू होगी और 11 नवंबर 2023 को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट तक समाप्त हो जाएगी। धनतेरस के दिन शाम को 5 बजकर 5 मिनट के बाद से खरीदारी करने का समय शुभ है। मान्यता के अनुसार धनतेरस के दिन खरीदा गया सोना चांदी और अन्य वस्तुओं की वृद्धि कई गुना अधिक होती है।
छोटी दीपावली और नरक चतुर्दशी
पौराणिक कथा के अनुसार नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था। इस खुशी में लोगों ने दीये जलाए थे। इस कारण छोटी दीपावली को नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी पड़ती है। इस बार छेटी दीपावली 11 नवंबर 2023 को है।
दीपावली
यह पर्व पांच पर्वों में सर्वश्रेष्ठ है। दीपावली का यह पर्व भगवान राम के चौदह वर्ष के वनवास की लौटने की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी का आगमन भी होता है। इस लिए विशेष रूप से इस दिन लक्ष्मी जी की पूजा भी की जाती है। लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त 12 नवंबर 2023 की शाम 5 बजकर 39 मिनट से शाम 7 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। प्रत्येक वर्ष दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन पड़ती है। पंचांग के अनुसार इस बार दीपावली 12 नवंबर 2023 दिन रविवार को है।
गोवर्धन पूजा
इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत अपनी कनिष्ठ उंगली से उठा कर ब्रज वासियों को भारी बारिश से बचाया था। तब से गोवर्धन पूजा की परंपरा चली आ रही है। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा हर साल मनाई जाती है। इस बार गोवर्धनन पूजा 14 नवंबर 2023 दिन मंगलवार को है।
भाई दूज
गोवर्धन पूजा के दिन ही भैया दूज भी मनाया जाएगा। रक्षा बंधन की तरह यह पर्व भी भाई-बहन के स्नेह से जुड़ा है। पौराणिक मान्यता है की इस दिन यमराज देव ने अपनी बहन यमुनी जी को वरदान दिया था की जो भी बहन अपने भाई को इस दिन तिलक लगाएगी उन्हें यमलोक की यातना नहीं सहनी पड़ेगी।