पंजाब के रोपड़, फतेहगढ़ साहिब और होशियारपुर जिलों में पिछले 14 महीनों में हुए 11 हत्याओं के मामले में पंजाब पुलिस ने एक संदिग्ध ‘सीरियल किलर’ को गिरफ्तार किया है. इस संदिग्ध की पहचान राम स्वरोप उर्फ सोढ़ी के रूप में हुई है, जो होशियारपुर जिले के चौरा गांव का निवासी है. उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया, जिसमें एक मोबाइल फोन और एक ऑरेंज दुपट्टा पुलिस के लिए महत्वपूर्ण सुराग बने, जिनकी मदद से पुलिस ने आरोपी को ट्रैक किया.
कैसे पुलिस के हत्थे चढ़ा सीरियल किलर
इस हत्याकांड की शुरुआत अगस्त में हुई थी, जब पंजाब पुलिस ने रोपड़ के मनींदर सिंह की हत्या के मामले में जांच शुरू की थी. लेकिन जैसे-जैसे जांच बढ़ी, यह मामला एक सामान्य हत्या से बढ़कर एक बहु-क्षेत्रीय जांच में तब्दील हो गया, जिसमें पुलिस ने फतेहगढ़ साहिब और होशियारपुर के पुलिस अधिकारियों की मदद ली. आरोप है कि स्वरोप अपने शिकारों को शारीरिक संबंधों का वादा करके आकर्षित करता था और फिर उनसे पैसे की मांग करता था. यदि शिकार पैसे नहीं देता था, तो वह उसे हत्या कर देता था.
9 को गला घोंटकर, 2 को पीट-पीटकर मारा
स्वरोप ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया कि उसने अपनी 11 कथित हत्याओं में से 9 को गला घोंटकर और 2 को पीट-पीटकर मारा था. पुलिस ने बताया कि स्वरोप के शिकार आमतौर पर ट्रक चालक, मजदूर या सड़क किनारे चाय बेचने वाले लोग होते थे. इन हत्याओं में से कुछ को पुलिस ने स्वरोप की पूछताछ के दौरान उजागर किया. अभी तक 5 पीड़ितों की पहचान हो चुकी है और पुलिस अन्य पीड़ितों के परिवारों से संपर्क कर रही है.
कभी दुबई में करता था मजदूरी
स्वरोप एक हाई स्कूल ड्रॉपआउट है और उसने 2005-06 में दुबई और कतर में मजदूरी की थी. भारत लौटने के बाद वह होशियारपुर और आसपास के इलाकों में दिहाड़ी मजदूरी करने लगा. 2022 में उसकी पत्नी और बच्चे उसे छोड़कर जा चुके थे, जिसके बाद वह बेघर हो गया और ज्यादातर समय रोपड़, सिरहिंद और होशियारपुर के इलाकों में रहा. पुलिस के अनुसार, वह अपने मोबाइल फोन को हमेशा बदलता रहता था और पुराने सिम कार्ड्स फेंक देता था, जिससे वह पुलिस की पकड़ से बचता था.
हत्याओं की साजिश और सुराग
इस मामले में पुलिस को सबसे महत्वपूर्ण सुराग मनींदर सिंह के शव पर पाए गए ऑरेंज दुपट्टे से मिला. पुलिस ने इस दुपट्टे के जरिए जांच की शुरुआत की और कुछ संदिग्धों से पूछताछ की, जिनमें से एक व्यक्ति को आरोपी के रूप में पहचाना गया. इसके बाद पुलिस ने मनींदर का मोबाइल फोन ट्रैक किया, जो आरोपित के पास था. एक दुकानदार से संपर्क करने पर पता चला कि इस मोबाइल फोन को स्वरोप ने रोड साइड ढाबे से 500 रुपये में खरीदा था. पुलिस ने इस सूचना के आधार पर आरोपी की पहचान की और उसे गिरफ्तार किया.
लंबी है स्वरूप के अपराधों की लिस्ट
पुलिस के मुताबिक, स्वरोप ने अपनी पहली हत्या अक्टूबर 2023 में फतेहगढ़ साहिब के एक ऑटो रिक्शा चालक “नेगी” की की थी. इसके बाद उसने कई अन्य हत्याएं की, जिनमें से कुछ की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है. स्वरोप ने स्वीकार किया कि उसने एक पीड़ित के शरीर पर ‘धोखेबाज’ शब्द लिखा था और एक अन्य की स्कूटर चोरी की थी. पुलिस का कहना है कि स्वरोप की गिरफ्तारी के बाद और भी खुलासे हो सकते हैं, क्योंकि मामले की जांच जारी है.