रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए होने वाले आरक्षण पर रोक लगा दी है। इसे लेकर छत्तीसगढ़ शासन ने सोमवार को एक आदेश जारी किया है। आदेश में आरक्षण प्रक्रिया से जुड़े हुए निर्देश हैं। आरक्षण को लेकर होने वाली कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। सरकार ने यह नहीं बताया कि है कि आरक्षण की प्रक्रिया को क्यों रोका गया है। माना जा रहा था कि राज्य में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ हो सकते हैं। लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
लेटर पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव द्वारा जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि पहले से तय की गई त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं के आरक्षण की कार्रवाई की समय सारणी को स्थगित किया जाता है। सरकार ने कारणों की जगह अपरिहार्य कारण लिखा है। जिस कारण से यह स्पष्ट्र नहीं है कि आखिर आरक्षण की प्रक्रिया को क्यों रोका गया है।
19 दिसंबर तक होना था आरक्षण
बता दें कि पंच और सरपंच पदों के लिए आरक्षण की तारीख सरकार ने पहले तय कर दी थी। इसके लिए 17 और 19 दिसंबर की तारीख तय थी। महासमुंद समेत कई जिलों के कलेक्टर्स ने अलग-अलग इलाकों के हिसाब से आरक्षण के लिए शेड्यूल भी जारी कर दिया था सरकार के फैसले के बाद आरक्षण की प्रक्रिया फिर से कब होगी इसे लेकर भी कोई जानकारी नहीं दी गई है।
किस कारण से लगाई गई रोक
माना जा रहा है कि प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत के चुनाव एक साथ करने की तैयारी हो रही है। लेकिन सरकार अब पहले नगर निगम के चुनाव के आरक्षण की प्रक्रिया को पूरा करना चाहती है उसके बाद पंचायतों की प्रक्रिया शुरू होगी। वहीं, दूसरी तरफ विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी चल रहा है। शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को खत्म होगा। शीतकालीन सत्र खत्म होने के बाद आचार संहिता पर भी फैसला हो सकता है।
कांग्रेस ने किया हमला
पंचायत चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया रोके जाने पर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है। विपक्ष ने कहा कि धान खरीदी में बड़ी विफलता के बाद अब पंचायत चुनाव भी भगवान के भरोसे है। बता दें कि राज्य की जनता इस बार सीधे मेयर का चुनाव करेगी
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