Manipur Schools-Colleges Reopen : मणिपुर में लगातार हो रही हिंसा के कारण राज्य में कई सेवाओं पर प्रतिबंध लगा था. हालांकि अब धीरे-धीरे जीवन पटरी पर आनी शुरू हो गई है. जिरीबाम जिले में पिछले कुछ दिनों से तनाव की स्थिति थी. जहां अब सुधार होती नजर आ रही है. आज से इंफाल घाटी जिलों और जिरीबाम में स्कूल और कॉलेज को फिर से खोल दिया गया है. क्षेत्र में हो रहे हिंसा के कारण पिछले 13 दिनों से स्कूल और कॉलेज बंद थे.
कुछ दिनों पहले जिरीबाम जिले में 6 लोगों अचानक लापता हो गए थे. जिसके कुछ दिनों बाद तीन महिलाओं और तीन बच्चों का शव बराक नदियों में मिला था. जिसके बाद लोगों में तनाव काफी बढ़ गया था. लोगों में आक्रोश का माहौल था, जिसकी वजह से राज्य सरकार द्वारा जिले के स्कूलों और कॉलेज को बंद कर दिया गया था. इसके अलावा कई इलाकों में कर्फ्यू लागू किए गए थे और इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई थी.
शिक्षा निदेशालय ने जारी किए आदेश
मणिपुर में काफी समय से विवाद चला आ रहा है. ये विवाद दो समुदायों द्वारा शुरू हुआ विवाद है. मैतेई और कुकी समुदाय के लोग अपने वर्चस्व को लेकर कंफी लंबे समय से लड़ाई कर रहे हैं. जिसके कारण राज्य की स्थिति बिगड़ गई. कुछ दिनों पहले तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव मिलने के बाद शिक्षा निदेशालय ने एक आदेश जारी करते हुए कहा गया कि प्रभावित जिलों में सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, निजी और केंद्रीय विद्यालयों में कक्षाएं अगले आदेश तक के लिए बंद की जा रही है. अब स्थिति में सुधार आने के बाद शिक्षा निदेशालय ने सामान्य कक्षाएं फिर से शुरू करने के फरमान जारी किए हैं. 16 नवंबर को शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने के आदेश जारी किए गए थे.
जिले में कर्फ्यू अब भी लागू
राज्य में चल रहे हिंसा को रोकने के लिए इंफाल घाटी के जिलों और जिरीबाम में लगाए गए निषेधाज्ञा आदेश अभी भी लागू हैं. हालांकि अधिकारियों ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि स्कूल और कॉलेज खुलने के बाद कर्फ्यू में ढील दी जाएगी या नहीं. अभी भी राज्य में बार-बार फैल रही अशांति के कारण इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगपोकपी, चुराचांदपुर, जिरीबाम और फेरजावल समेत नौ जिलों में मोबाइल इंटरनेट और डेटा सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है. दोनों समुदाय में 2023 से चल रहे संघर्ष के कारण 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हज़ारों लोग विस्थापित हुए हैं. हाल में हुए इस घटना के बाद भीड़ ने इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम में राजनीतिक नेताओं के घरों और संपत्तियों को निशाना बनाया. जिसके कारण राज्य में तनाव और भी ज्यादा बढ़ गया था. पुलिस ने अशांति और दंगे भड़काने के आरोप में 41 लोगों को गिरफ़्तार किया है.