Diesel Vehicle Ban In India: इन दिनों दिल्ली एनसीआर ही नहीं, बल्कि देशभर में पॅाल्यूशन के चलते सांसों पर खतरा मंडरा रहा है. बढ़ते पॅाल्यूशन का एक बड़ा कारण डीजल वाहनों को बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि जितना पॅाल्यूशन डीजल वाहनों से हो रहा है. इतना किसी अन्य भौतिक उपकरण से नहीं हो रहा है. जिसके चलते डीजल वाहनों को बैन करने के फैसला लिया गया है. आपको बता दें एनसीआर में एक्यूआई लेवल 600 के पार पहुंच गया है. जिसके चलते ग्रैप थ्री लागू किया गया है. यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी पॅाल्यूशन को लेकर आदेश जारी किये हैं. साथ ही अनिश्चितकाल के लिए सभी स्कूलों को बंद रखने के आदेश दिये गए हैं. क्योंकि दिल्ली में खुली आंखों से चलना तक दुभर हो गया है. साथ ही अस्थमा के मरीजों को घर से न निकलने की सलाह दी गई है.. साथ ही सुबह सैर को एवोइड करने के लिए कहा गया है..
कब से बैन करने की तैयारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डीजल वाहन सबसे ज्यादा प्रदूषण करते हैं. इसलिए तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित करना चाहिए. आपको बता दें कि इसमें ये भी तर्क पेश किया गया है कि अब ईवी वाहनों को बढ़ावा दिया जाएगा. यही नहीं कुछ ही दिनों में सराकर ईवी पर सब्सिडी योजना की घोषणा भी करने वाली है. ऊर्जा संक्रमण सलाहकार समिति की ओर से 2027 से डीजल वाहनों की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाने की सिफारिश की गई है. यानि सिर्फ ढाई साल तक ही आप डीजल वाहन चला सकते हैं. उसके बाद कार कंपनीज भी डीजल वाहन बेचना बंद कर देंगी…
शुरूआत में यहां लगेगा प्रतिबंद
आपको बता दें कि शुरुआती दौर में देश के कुछ चुनिंदा शहरों में डीजल वाहनों पर प्रतिबंद लगाया जाएगा. इसके लिए यह मानक तय किये गए हैं. जिन शहरों की आबादी 10 लाख से ज्यादा है. ऐसे शहरों पर शुरूआत में प्रतिबंद लगाया जाएगा. धीरे-धीरे देश ही डीजल वाहन गायब हो जाएंगे. दरअसल मौजूदा समय में देश में 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहन चलाने पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है. लेकिन हो सकता है कि नए प्रतिबंध के तहत इनमें से भी कुछ वाहनों को इस प्रस्ताव में शामिल कर लिया जाए.
डीजल वाहन न खरीदने की सलाह
यदि हाल-फिलहाल आप डीजल वाहन खऱीदने का मन बना रहे हैं तो टाल सकते हैं. क्योंकि सूत्रों का दावा है कि सरकार डीजल वाहनों को लेकर अभी और कड़े फैसले लेने वाली है. इसलिए नुकसान से बचने के लिए फिलहाल डीजल वाहन खरीद का फैसला टालना ही ठीक रहेगा. इसलिए आपको ईवी, पेट्रोल या सीएनजी वाहन को विकल्प के तौर पर देखना चाहिए…