रायपुर। आज शुक्रवार की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया। इसके साथ ही छठ महापर्व का समापन हुआ। गुरुवार को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तोरवा छठ घाट को दुल्हन की तरह सजाया गया था।
सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा के तृतीय दिवस गुरुवार को छठ व्रतियों ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। खारुन नदी के महादेव घाट पर व्रतियों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। परंपरानुसार विधिवत पूजा-अर्चना की गई। चार दिन चलने वाले छठ पर्व की शुरुआत मंगलवार को नहाय-खाय के साथ हुई थी। बुधवार को खरना प्रसाद बना। कलश और दीपों से सजी थालियों में फल, मिठाई, और अन्य प्रसाद रखकर उन्होंने सूर्य देवता की आराधना की। पारंपरिक गीतों और छठी मइया की आरती से माहौल भक्तिमय हो उठा। इस दौरान श्रद्धालु ‘सूर्य देवता’ से अपने घर-परिवार के कल्याण और उन्नति की कामना करते हैं।
राजधानी के कई अस्थायी घाटों पर भी छठ पूजा की व्यवस्था की गई थी। वहीं, कई लोगों ने अपने घरों की छत और तालाबों में भी जाकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया। उदयाचलगामी भगवान भास्कर को अर्ध्य के साथ व्रतियों का 36 घंटे का कठोर उपवास भी पूरा होगा।