Bhai Dooj 2024: दिवाली के एक दिन बाद भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। ये पर्व भाई-बहन के प्रेम को दर्शाता है। भाई दूज का पर्व भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है। यह दिन विशेष रूप से इस संबंध की मिठास और गहराई को दर्शाता है। भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों के लिए पूजा करती हैं और उनके कल्याण की कामना करती हैं। इसे यम द्वितीया’भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन यमराज अपने भाई की लम्बी उम्र के लिए उनकी बहन की पूजा स्वीकार करते हैं। पंचांग के अनुसार यह पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। तो चलिए जानते हैं ये पर्व कब मनाया जाएगा।
Bhai Dooj Date भाई दूज की तिथि 2024
पंचांग के मुताबिक इसकी शुरुआत 2 नवंबर, 2024 को रात 8 बजकर 21 मिनट पर होगी और अगले दिन 3 नवंबर को इसका समापन हो हो जाएगा। उदया तिथि के अनुसार ये पर्व 3 नवंबर को मनाया जाएगा।
Auspicious time for Tilak तिलक का शुभ समय
भाई दूज के लिए तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त- 1:16 पी.एम से 3:27 पी.एम तक
भाई दूज की परंपराएं-
तिलक करना
भाई दूज पर बहनें अपने भाइयों का तिलक करती हैं। तिलक करने के लिए बहनें चावल, कुमकुम, और रक्षासूत्र का उपयोग करती हैं। तिलक करने के बाद, वे भाइयों के लिए अच्छी किस्मत और स्वास्थ्य की कामना करती हैं।
आरती उतारना
तिलक के बाद बहनें अपने भाइयों की आरती उतारती हैं। यह पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें वे दीप जलाकर और मंत्रों का जाप करते हुए अपने भाई की लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं।
खास पकवान बनाना
इस दिन बहनें अपने भाइयों के लिए विशेष पकवान बनाती हैं। मिठाई, नमकीन और अन्य प्रिय व्यंजनों का निर्माण किया जाता है। यह भाइयों को एक प्यार भरा तोहफा होता है।
भाई को उपहार देना
भाई दूज पर बहनें अपने भाइयों को उपहार देती हैं। ये उपहार आमतौर पर प्यार और स्नेह से भरे होते हैं। भाई भी अपनी बहनों को उपहार देते हैं जो उनके रिश्ते को और मजबूत बनाता है।
Bhai Dooj Puja Method भाई दूज पूजा विधि-
० भाई दूज के दिन बहनें प्रातः जल्दी उठकर स्नान करती हैं। स्नान के बाद, स्वच्छ वस्त्र पहनना चाहिए और एक पवित्र स्थान पर पूजा की तैयारी करनी चाहिए।
० इसके बाद अपने भाई का तिलक करें और उसकी आरती उतारें। इस समय प्रेम और भक्ति से मन में प्रार्थना करें।
० भाई दूज पर बहनें अपने भाइयों को स्वादिष्ट भोजन और मिठाई खिलाती हैं। भाई भी अपनी बहन को प्यार भरे शब्दों के साथ भोजन कराते हैं।
० पूजा के अंत में बहनें अपने भाइयों के लिए लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करती हैं। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्षण होता है, जिसमें भाई-बहन के बीच की भावनाएँ और गहरी होती हैं।
भाई दूज का सांस्कृतिक महत्व
भाई दूज न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह भाई-बहन के रिश्ते को मजबूती प्रदान करता है और परिवार के सदस्यों के बीच आपसी स्नेह को बढ़ाता है। इस दिन भाई-बहन एक-दूसरे के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करते हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं।