एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के एक आरोपी जिसने अदालत में खुद को नाबालिग बताया था वह अब बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट के ज़रिए बालिग पाया गया है. यह टेस्ट मुंबई की एक अदालत के आदेश के बाद किया गया, जिसने आरोपी धर्मराज कश्यप और अन्य को 21 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. दरअसल जब उत्तर प्रदेश का एक शूटर धर्मराज कश्यप और हरियाणा के गुरमैल बलजीत सिंह को अदालत में पेश किया गया, तो कश्यप ने दावा किया कि वह 17 साल का है.
वहीं जब आरोपी के वकील ने अदालत को बताया कि कश्यप ने नाबालिग होने का दावा किया है, तो अभियोजन पक्ष ने आपत्ति जताते हुए आधार कार्ड का हवाला दिया, जिसमें उसका जन्म वर्ष 2003 दिखाया गया था, जिससे पता चलता है कि वह 21 साल का है. हालांकि, कार्ड पर नाम अलग था और आरोपी के पास अपनी उम्र सत्यापित करने के लिए जन्म प्रमाण पत्र या स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र नहीं था.
क्या होता है ऑसिफिकेशन टेस्ट?
इसके बाद मजिस्ट्रेट अदालत ने ऑसिफिकेशन टेस्ट कराने का आदेश दिया, जिसका उपयोग शरीर में कुछ हड्डियों के एक्स-रे की जांच करके किसी व्यक्ति की आयु का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है. जिसमें वो पूरी तरह से बालिग पाया गया.मुंबई की एस्प्लेनेड अदालत ने कश्यप को 21 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया.
तीसरा आरोपी गिरफ्तार
मुंबई पुलिस ने तीसरे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है, जो पुणे का 28 वर्षीय व्यक्ति है, जो अपने भाई शुभम लोणकर के साथ मिलकर हत्या की साजिश में शामिल था. गुरमेल और कश्यप के साथ मौजूद तीसरा शूटर शिव कुमार उर्फ शिव गौतम फरार है. पुलिस ने एक अन्य आरोपी मोहम्मद जीशान अख्तर की भी पहचान कर ली है, जो कथित तौर पर हत्या के पीछे का दिमाग है.
लंबे समय से बना रहा है निशाना
पूछताछ के दौरान शूटरों ने पुलिस को बताया कि वे जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह से जुड़े हैं. बाद में रविवार को गिरोह के कथित सदस्यों में से एक ने सोशल मीडिया पर एक संदेश पोस्ट कर हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि इसका मकसद पीड़ित का बॉलीवुड स्टार सलमान खान से संबंध होना था, जिन्हें यह गैंग लंबे समय से निशाना बना रहा है.
बाबा सिद्दीकी की हत्या
बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी अजित पवार गुट के नेता सिद्दीकी की शनिवार रात मुंबई में उनके कार्यालय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई और रविवार को दो शूटरों के साथ एक सह-साजिशकर्ता को गिरफ्तार किया गया. लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने हत्या की जिम्मेदारी ली और पुलिस ने कहा कि वे इस संबंध की जांच कर रहे हैं, साथ ही पुष्टि की कि यह एक कॉन्ट्रैक्ट किलिंग थी.