Ashtami Navami 2024: शारदीय नवरात्रि का पावन महापर्व शुक्रवार, 11 अक्टूबर को कन्या पूजन के साथ समाप्त हो जाएगा. इस वर्ष अष्टमी और नवमी की पूजा एक ही दिन होने जा रही है. ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, 10 अक्टूबर को सप्तमी और अष्टमी का संयोग रहा, जिसे शास्त्रों में निषेध माना जाता है. इसलिए इस बार अष्टमी पर महागौरी की पूजा और कन्या पूजन दोनों 11 अक्टूबर को ही किए जाएंगे.
वैदिक पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर को दोपहर 12:31 बजे से आरंभ हो रही है और इसका समापन 11 अक्टूबर को दोपहर 12:06 बजे होगा. अष्टमी के समाप्त होते ही नवमी तिथि की शुरुआत होगी, जो 12 अक्टूबर को सुबह 10:57 बजे तक चलेगी. इसी कारण 11 अक्टूबर को अष्टमी और नवमी दोनों का पूजन एक साथ किया जाएगा.
कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त
कन्या पूजन के लिए शुभ मुहूर्त की जानकारी भी महत्वपूर्ण है. 11 अक्टूबर को सुबह 5:25 बजे से 6:20 बजे तक पहला शुभ मुहूर्त रहेगा. इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त भी इस दिन है जो सुबह 11:44 बजे से दोपहर 12:33 बजे तक रहेगा. यह समय कन्या पूजन के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है.
कन्या पूजन का महत्व
नवरात्रि नारी शक्ति का सम्मान करने और कन्याओं को पूजने का पर्व है. इस दौरान कुंवारी कन्याओं को विशेष सम्मान दिया जाता है. अष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन के बिना नवरात्रि की तपस्या अधूरी मानी जाती है. इस दिन कन्याओं को आमंत्रित करें, उनका स्वागत फूलों से करें और उनके पैर धुलवाकर आशीर्वाद प्राप्त करें. उनके साथ एक बटुक को भी अवश्य बैठाएं. सभी को हलवा, चना और पूरी का भोग अर्पित करें. अंत में, कन्याओं को दान-दक्षिणा देकर विदाई दें.