बारां। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने हिंदू समुदाय को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भाषा, जाति और क्षेत्र से जुड़े मतभेदों और विवादों को खत्म करके एकजुट होना जरूरी है।
हमारी सुरक्षा करने के लिए एकता है जरूरी
बारां की कृषि उपज मंडी में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए भागवत ने आचरण में अनुशासन, राज्य के प्रति कर्तव्य बोध और समाज में लक्ष्योन्मुखता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि, हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एकता जरूरी है।
मोहन भागवत बोले – भारत एक हिंदू राष्ट्र है
भागवत ने कहा कि, भारत एक ‘हिंदू राष्ट्र’ है और हिंदू शब्द का इस्तेमाल देश में रहने वाले सभी समुदायों के लिए किया जाता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हम प्राचीन काल से यहां रह रहे हैं, हालांकि हिंदू नाम बाद में उभरा। हिंदू शब्द ऐतिहासिक रूप से भारत में रहने वाले सभी समुदायों के लिए लागू किया जाता था।
बता दें कि, हिंदू सभी को गले लगाते हैं और सभी व्यक्तियों को स्वीकार करते हैं। एक हिंदू का मानना है कि जब हम अपनी मान्यताओं में सही हैं, तो आप भी अपनी मान्यताओं में सही हैं। यह कहा गया है कि आरएसएस का काम यांत्रिक नहीं है, बल्कि विचारधारा से प्रेरित है, और दुनिया में ऐसा कोई दूसरा प्रयास नहीं है जिसकी तुलना आरएसएस द्वारा किए गए प्रयासों से की जा सके।