कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में दरिंदगी की शिकार हुई महिला डाक्टर के शव के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया में तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष ने गड़बड़ी कराई थी। संदीप ने अपने विश्वसनीय डाक्टरों के जरिए पोस्टमार्टम को पूरी तरह ‘नियंत्रित’ किया था।
बता दें कि, इसका खुलासा मामले की जांच कर रही सीबीआई ने किया है। सीबीआई की पूछताछ में अस्पताल के मुर्दाघर सहायक ने बताया है कि, पोस्टमार्टम के समय उसे शव के पास आने नहीं दिया गया था। बल्कि कोने में कुर्सी पर बिठाकर रखा गया जबकि उसका काम शव के जख्म वाले अंगों को चिन्हित कर पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों को बताना, शव की चीर-फाड़ में मदद करना एवं अंत में उसे सिलना है। सीबीआई का अनुमान है कि, मृतका के किन-किन अंगों में जख्म थे, यह बात छिपाने के लिए ऐसा किया गया। सीबीआई पोस्टमार्टम करने वाली टीम के मुख्य डाक्टर अपूर्व विश्वास व मुर्दाघर सहायक को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ कर चुकी है। जांच में यह भी पता चला है कि, महिला डाक्टर के शव का पोस्टमार्टम सूर्यास्त के बाद हुआ था। जबकि उसी दिन सूर्यास्त से पहले सात शवों के पोस्टमार्टम हुए थे।
आरजी कर कांड पर फिल्म बनाई तो तृणमूल ने छात्र नेताओं को किया निलंबित
आरजी कर कांड पर ‘आगमनी तिलोत्तमार गल्पो’ नामक लघु फिल्म बनाने पर तृणमूल कांग्रेस ने अपने छात्र संगठन के उपाध्यक्ष प्रांतिक चक्रवर्ती व जादवपुर-डायमंड हार्बर सांगठनिक जिला की नेता राजन्या हलदर को निलंबित कर दिया है। बता दें कि, तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद ने अपने एक्स हैंडल पर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि, पार्टी विरोधी क्रियाकलापों के लिए इन दोनों को निलंबित किया गया है। तृणमूल नेता कुणाल घोष ने कहा कि, लघु फिल्म से पार्टी का कोई लेना- देना नहीं है। वहीं यह फिल्म दो अक्टूबर को प्रदर्शित होने वाली है।
निर्देशक किरण राव ने कहा आरजी कर की घटना भयावह
वहीं इस घटना को लेकर आस्कर पुरस्कार के लिए चुनी गई फिल्म ‘लापता लेडीज’ की निर्देशक किरण राव ने कहा है कि, अस्पताल की घटना भयावह है और वह मृत महिला डाक्टर के लिए न्याय मांग रहे लोगों के साथ दृढ़ता से खड़ी हैं। शुक्रवार को यहां लेडीज स्टडी ग्रुप आफ इंडियन चेंबर्स आफ कामर्स के कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा- ‘नौ अगस्त वह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण व भयावह है। मैं उन सभी के साथ हूं, जो कोलकाता की सड़कों पर उतरे और न्याय और महिलाओं के लिए सुरक्षित काम-काजी वातावरण के लिए प्रदर्शन किया।
आरजी कर कांड की घटना ने बंगाल के सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर खड़े किये सवाल
वहीं कोलकाता से सटे कमरहट्टी इलाके में स्थित सागर दत्त मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में शुक्रवार रात एक मरीज की मौत को लेकर उसके स्वजन ने ड्यूटीरत जूनियर डाक्टरों, नसों व अन्य चिकित्साकर्मियों की पिटाई कर दी। इसमें सात लोग घायल हो गए। इसके बाद जूनियर डाक्टरों व नर्सों ने पुख्ता सुरक्षा की मांग करते हुए काम बंद कर दिया। घटना ने बंगाल के सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है।
बता दें कि, आरजी कर अस्पताल में महिला डाक्टर से दरिंदगी की घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने समस्त सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने की बात कही थी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस बाबत दिशानिर्देश भी जारी किया गया था। पुलिस ने मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है।मृतका के परिवार ने उनकी गिरफ्तारी का विरोध करते घोषणा हुए कहा है कि, जब तक उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा, तब तक वह शव नहीं लेंगे। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार शाम 29 वर्षीय रंजना साव नामक पूछने महिला को अस्पताल लाया गया था। कुछ देर बाद मौत हो गई थी
आश्वासन नहीं, एक्शन चाहिए
वहीं स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वररूप निगम शनिवार को अस्पताल पहुंचे और जूनियरों डाक्टरों को सुरक्षा का आश्वासन दिया। इस पर जूनियर डाक्टरों ने कहा कि, उन्हें आश्वासन नहीं बल्कि एक्शन चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि, घटना के वक्त अस्पताल परिसर में मौजूद पुलिसकर्मी मूक दर्शक की तरह खड़े थे। जूनियर डाक्टरों ने शनिवार को बुलाई गई कालेज काउंसिल की बैठक में अस्पताल चौधरी प्रबंधन के सामने सुरक्षा को लेकर दस सूत्री मांगें रखते हुए साफ कहा है कि, उन्हें पूरा नहीं किए जाने तक वह काम पर नहीं लौटेंगे।