शक्ति उपासना के पर्व नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है .नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का विधान है. कलश स्थापना के साथ ही देवी उपासना के 9 दिनों के इस विशेष पूजा की शुरुआत होती है .कलश स्थापना कैसे करें? इस दौरान किन बातों का ख्याल रखें ? कौन सा समय कलश स्थापना के लिए सबसे सही है?
कलश स्थापना के बगैर नवरात्रि की पूजा अधूरी मानी जाती है. कलश स्थापना के लिए मिट्टी का एक शुद्ध कलश, मिट्टी, जौ, नारियल, लाल चुनरी, साड़ी, मिट्टी का दीया, सिक्का, आम का पत्ता, सुपारी, अक्षत का होना जरूरी है.
ऐसे करें कलश स्थापना
नवरात्रि के पहले दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त या शुभ मुहूर्त में ही कलश की स्थापना करनी चाहिए. सुबह स्नान के बाद मिट्टी को किसी पात्र में डालकर उसे गीला कर लेना चाहिए. उसके बाद उसमें जौ बौना चाहिए. इसके बाद मिट्टी के कलश को उस पर स्थापित करना चाहिए. उसके बाद कलश में गंगा जल भरना चाहिए. इसके बाद उसमें सुपारी, सिक्का, फूल डालकर उस पर अक्षत्र भरा मिट्टी का कसोरा रखना चाहिए.इस कलश के सामने एक मां की प्रतिमा रखें. फिर पूरे वैदिक विधि विधान से पूजा अर्चना करनी चाहिए. पूजा पाठ का यह क्रम नवरात्रि के पूरे 9 दिनों तक करना चाहिए. उसके बाद दशहरा के दिन इसका विसर्जन करना चाहिए.
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त?
इस बार नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से हो रही है. कलश स्थापना के लिए 3 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 42 मिनट से 8 बजकर 2 मिनट का समय शुभ है. इसके अलावा दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से 2 बजकर 40 मिनट के बीच भी आप घर में कलश स्थापना कर सकते हैं.