बिलासपुर। राज्य में तेजी से बढ़ रहे ध्वनि प्रदूषण को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में स्वत: संज्ञान लिया है। बीते बुधवार को इस मामले पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को पूरे प्रदेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति की निगरानी सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। साथ ही इस मामले में अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी।
ध्वनि प्रदूषण मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने भिलाई की एक घटना का जिक्र किया, जिसमें डीजे के तेज आवाज से परेशान एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली थी। कोर्ट ने कहा कि डीजे को उतनी ही आवाज में बजाने की अनुमति मिलनी चाहिए। जितनी की आवाज में स्पीकर्स और साउंड से बॉक्स को बजाने की अनुमति होती है।
बता दे की ध्वनि प्रदूषण मामले को लेकर आईटीआई एक्टिविस्ट राकेश चौबे ने एक याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने निर्देश जारी किए थे। लेकिन कोर्ट के निर्देश के बाद भी उनका पालन नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने एक बार फिर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह को चिट्ठी लिखकर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में तेज आवाज में बजने वाले लाउडस्पीकरों के उपयोग को प्रतिबंधित किया है। इसके बावजूद लाउडस्पीकरों का तेज उपयोग गणेश विसर्जन और न्यू राजेंद्र नगर के आसपास किया गया डायल 112 में शिकायत करने के बावजूद भी इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।