नई दिल्ली। तिरुपति बालाजी मंदिर विवाद में फेमस डेयरी ब्रांड अमूल का नाम भी सामने आया है। तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसादम ‘लड्डू’ में जानवरों की चर्बी और अपशिष्ट पदार्थ मिलाए जाने को लेकर इस समय देशभर में विवाद चल रहा है। आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू द्वारा तिरुपति के लड्डू में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल का आरोप लगाए जाने के बाद से राजनीति गरमा गई है। इस बीच सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए तिरुपति मंदिर के लड्डू में अमूल घी मिलाए जाने का आरोप लगाया जा रहा है।
वहीं अमूल कंपनी ने इस आरोप के बारे में एक बयान जारी किया है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पुष्टि की है कि, उन्होंने कभी भी तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को घी की आपूर्ति नहीं की है। अमूल ने अपने एक्स पोस्ट में कहा, यह कुछ सोशल मीडिया पोस्ट के संदर्भ में है, जिसमें उल्लेख किया गया था कि, अमूल घी तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को आपूर्ति की जा रही थी। हम सूचित करना चाहते हैं कि, हमने कभी भी टीटीडी को अमूल घी की आपूर्ति नहीं की है।
उन्होंने बयान में आगे कहा कि, हम यह भी स्पष्ट करना चाहेंगे कि, अमूल घी हमारे अत्याधुनिक उत्पादन सुविधाओं में दूध से बनाया जाता है। जो आईएसओ प्रमाणित हैं। अमूल घी उच्च गुणवत्ता वाले शुद्ध दूध वसा से बनाया जाता है। हमारी डेयरियों में प्राप्त दूध ‘FSSAI’ द्वारा तय निर्देशानुसार जांच की सख्त प्रक्रिया से गुजरता है। बता दें कि, अमूल घी पचास से अधिक वर्षों से भारत का सबसे भरोसेमंद घी ब्रांड रहा है और भारतीय घरों का एक अभिन्न अंग बना हुआ है। यह पोस्ट अमूल के खिलाफ इस गलत सूचना अभियान को रोकने के लिए जारी की जा रही है। किसी भी प्रश्न के मामले में, कृपया हमारे टोल-फ्री नंबर 1800 258 3333 पर कॉल करें।
बता दें कि, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार(20 सितंबर) को वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के शासनकाल के दौरान कथित तौर पर तिरुमला लड्डू में पशु चर्बी की मौजूदगी पर तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) से रिपोर्ट मांगी है। श्रद्धालुओं में आक्रोश के बीच इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री नायडू ने टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी को शाम तक एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। सीएम नायडू ने तिरुमाला लड्डू की गुणवत्ता के मुद्दे पर मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि, सरकार धार्मिक प्रमुखों के परामर्श से तिरुमाला की पवित्रता की रक्षा के लिए कदम उठाएगी। उन्होंने मंदिर की परंपराओं और श्रद्धालुओं की आस्था की रक्षा के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया हैं।