नई दिल्ली। देश मे अब फास्टैग के अलावा सरकार ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम के तहत टोल टैक्स को कलेक्ट करेगी। इसके लिए सरकार ने 4 हाई-वे पर ट्रायल भी कर लिया है और ट्रायल के बाद ही ये फैसला लिया गया है। सरकार की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है। नए नियमों में कहा गया है कि यदि किसी गाड़ी में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम लगा है, तो ऐसे वाहन मालिकों से हाइवे और एक्सप्रेसवे पर हर दिन 20 KM तक के सफर के लिए कोई टोल शुल्क नहीं लिया जाएगा।
नए नियमों में कहा गया है कि यदि किसी गाड़ी में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम लगा है तो ऐसे वाहन मालिकों से हाइवे और एक्सप्रेसवे पर हर दिन 20 KM तक के सफर के लिए कोई टोल शुल्क नहीं लिया जाएगा।
यह सुविधा टैक्सी नंबर वाले वाहनों के लिए नहीं होगी, बल्कि यह सुविधा केवल प्राइवेट व्हीकल वालों को मिलेगी। अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रीय परमिट रखने वाले वाहनों को छोड़कर यदि किसी अन्य वाहन का चालक या मालिक राष्ट्रीय राजमार्ग, स्थायी पुल, बाइपास या सुरंग के रूट का उपयोग करता है तो उससे जीएनएसएस-आधारित उपयोगकर्ता शुल्क संग्रह प्रणाली के तहत एक दिन में प्रत्येक दिशा में 20 किलोमीटर की यात्रा तक कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
जीएनएसएस-आधारित उपयोगकर्ता शुल्क संग्रह प्रणाली के संबंध में एक पायलट अध्ययन कर्नाटक में एनएच-275 के बेंगलुरु-मैसूर खंड और हरियाणा में एनएच-709 के पानीपत-हिसार खंड पर किया गया है।