कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भ्रष्टाचार और अपराध के मामले में CBI ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। इस कार्रवाई में CBI ने संदीप घोष, बिप्लव सिंह, सुमन हाजरा, और अफसर अली खान को गिरफ्तार किया है। इससे पहले, इस मामले के मुख्य आरोपी संजय रॉय को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। ये सभी आरोपी अब न्यायिक हिरासत में हैं और उनके खिलाफ जांच की प्रक्रिया जारी है।
गिरफ्तार आरोपियों की सारी जानकारी
1. संजय रॉय:
– पृष्ठभूमि: संजय रॉय एक सिविक वालंटियर था जो कोलकाता पुलिस के साथ जुड़ा हुआ था।
– आरोप: संजय रॉय को डॉक्टर रेप और मर्डर केस में मुख्य आरोपी माना जा रहा है। उसके खिलाफ CBI के पास 53 से अधिक सबूत हैं, जो उसकी संलिप्तता को साबित करते हैं।
– स्थिति: संजय रॉय को घटना के दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था और वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में है।
2. संदीप घोष:
– पृष्ठभूमि: संदीप घोष कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल थे।
– आरोप: उन पर अस्पताल में व्यापक भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। आरोपों में लावारिस शवों की तस्करी, बायो-मेडिकल कचरे के निपटान में भ्रष्टाचार, और निर्माण निविदाओं में भाई-भतीजावाद शामिल हैं। डॉ. अख्तर अली की शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।
– स्थिति: संदीप घोष को सोमवार को गिरफ्तार किया गया और वह न्यायिक हिरासत में हैं।
3. बिप्लव सिंह:
– पृष्ठभूमि: बिप्लव सिंह एक व्यवसायी है और मां तारा ट्रेडर्स का मालिक है।
– आरोप: बिप्लव सिंह को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भ्रष्टाचार के मामले में सह आरोपी माना गया है। वह पहले पोस्टर-बैनर बनाने का काम करता था और बाद में दवाइयों की सप्लाई का कारोबार शुरू किया।
– स्थिति: बिप्लव सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले की जांच जारी है।
4. सुमन हाजरा:
– पृष्ठभूमि: सुमन हाजरा अस्पताल में मटेरियल की सप्लाई करता था और उसकी हाजरा मेडिकल शॉप भी है।
– आरोप: सुमन हाजरा सरकारी दवाओं और मेडिकल उपकरणों की खरीद-फरोख्त में संदीप घोष के करीबी सहयोगी के रूप में शामिल था। वह भ्रष्टाचार के मामलों में संदीप घोष के सहयोगी रहे हैं।
– स्थिति: सुमन हाजरा भी गिरफ्तार किया गया है और उससे पूछताछ जारी है।
5. अफसर अली खान:
– पृष्ठभूमि: अफसर अली खान संदीप घोष के करीबी सहयोगी थे और सुरक्षा में भी शामिल थे।
– आरोप: अफसर अली खान अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं में शामिल था और संदीप घोष की निजी सुरक्षा में भी तैनात था। उसकी संलिप्तता भी जांच के दायरे में आई है।
– स्थिति: अफसर अली खान को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसकी भूमिका की गहराई से जांच की जा रही है।
आईपीसी की धारा 120बी, 420 और भ्रष्टाचार निवारण…
कोलकाता पुलिस ने 19 अगस्त को संदीप घोष और अन्य आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी (साजिश), 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 (अधिकारी द्वारा अवैध धन अर्जित करने) के तहत केस दर्ज किया था। 24 अगस्त को कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश के बाद CBI ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ली।
– आईपीसी की धारा 120बी: यह धारा किसी अपराध को अंजाम देने के लिए साजिश रचने के लिए लगाई जाती है। इसमें उम्रकैद या दो साल से अधिक कठोर कारावास की सजा हो सकती है।
– आईपीसी की धारा 420: यह धारा धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति अर्जित करने के मामलों में लगाई जाती है। इसके तहत सात साल से अधिक की सजा और जुर्माना हो सकता है।
– भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7: यह धारा सरकारी अधिकारियों द्वारा वैध पारिश्रमिक से अलग धन अर्जित करने पर लगाई जाती है। सजा छह महीने से लेकर पांच साल तक कारावास और जुर्माना हो सकता है।
150 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ
CBI ने संदीप घोष से 150 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की है और दो बार पॉलीग्राफ टेस्ट भी किया है। इसके अलावा, CBI ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के विभिन्न हिस्सों की तलाशी ली है। जांच में अस्पताल के शवगृह, आपातकालीन इमारत, और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों की जांच की गई है।
अख्तर अली ने बताया कि संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान संस्थान में कई वित्तीय अनियमितताएँ और भ्रष्टाचार की घटनाएँ हुई थीं। छात्रों को जानबूझकर फेल किया जाता था और फिर पैसे लेकर पास किया जाता था। इन सभी गतिविधियों की शिकायतें की गई थीं, लेकिन फाइनल रिपोर्ट से पहले उनका ट्रांसफर कर दिया गया था।